इस्लामाबाद। पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब में कॉरिडोर के रास्ते दर्शन करने जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट जरूरी होगा, गुरुवार को पाकिस्तानी सेना के आधिकारिक प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने यह बयान दिया है। पाकिस्तान की तरफ आया यह बयान इस मुद्दे पर उसका यू टर्न माना जा रहा था। पहली नवंबर को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि बिना पासपोर्ट के ही भारतीय तीर्थ यात्रियों को करतारपुर में दर्शन करने की अनुमती दी जाएगी, लेकिन अब पाकिस्तान सेना ने इमरान खान के फैसले को पलट साफ कर दिया है कि भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट जरूरी होगा।
इससे पहले पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा को पाकिस्तान के करतारपुर में दरबार साहिब से जोड़ने वाले गलियारे के उद्घाटन से ठीक पहले पाकिस्तान की तरफ से सोमवार को एक वीडियो जारी किया गया जिसमें प्रतिबंधित खालिस्तानी समूह समर्थक ‘सिख फॉर जस्टिस’ का एक पोस्टर भी दिखाया गया है। वीडियों पर भारत की तरफ से आपत्ति जताई गई है, वीडियो प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह सब मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि इसमें पाकिस्तान का छिपा हुआ एजेंडा है।’’ बाद में उन्होंने एक बयान में पाकिस्तान की इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) के उस ‘‘मंसूबे’’ के खिलाफ चेतावनी दी, जिसके तहत पाकिस्तान सरकार ने गलियारे के माध्यम से सीमा पार सिख धर्म स्थल तक श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति देने का फैसला लिया है।
अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘‘हालांकि यह गलियारा मेरे समेत पूरे सिख समुदाय का एक सपना पूरा होने जैसा है लेकिन भारत आईएसआई खतरे की अनदेखी नहीं कर सकता है।’’ उन्होंने कहा कि इस वीडियो से आईएसआई के असल मंसूबों का खुलासा हुआ है। सिंह ने कहा, ‘‘एक तरफ तो वे हम पर दया और मानवता दिखा रहे हैं, और वहीं दूसरी ओर, वे आईएसआई समर्थित ‘‘2020 खालिस्तान जनमत संग्रह’’ को बढ़ावा देने और यहां ‘स्लीपर सेल’ बनाने के लिए भारतीय सिखों को लुभाने के वास्ते गलियारे का इस्तेमाल करने का मंसूबा पाले हुए दिखाई दे रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल के नेताओं पर आरोप लगाया कि वे करतारपुर गलियारा मुद्दे पर ‘‘राजनीति से प्रेरित प्रतिक्रियाएं’’ देने के लिए आईएसआई के हाथों का खिलौना बन रहे हैं।
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