पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का साथ देते हुए कहा कि, ''मैं लश्कर- ए-तैयबा का बहुत बड़ा समर्थक हूं। मैं हाफिज सईद को पसंद करता हूं और वो भी मुझे पसंद करता है।'' मुशर्रफ ने कहा ''मैं हाफिज सईद से काफी बार मिल चुका हूं, और अभी हाल ही में भी मैं उससे मिला था। लेकिन मैं अभी उनके साथ हुई मेरी मीटिंग के बारे में कोई बात नहीं करना चाहता।'' मुशर्रफ ने कहा, मैं हमेशा कश्मीर में कार्रवाई करना चाहता था और कस्मीर से भारतीय सेना का अंत करना चाहता था। मुशर्रफ ने कहा भारत और अमेरिका ने मिल कर हाफिज सईद को ग्लोबल आतंकवादी घोषित कर दिया है। मुशर्रफ ने कहा, ''हां लश्कर- ए-तैयबा सक्रिय था, सक्रिय है और भारत और पाकिस्तान के बीच में भी है।'' (इस्तीफा देने के बाद काफी राहत महसूस कर रहे थे रॉबर्ट मुगाबे)
लश्कर- ए-तैयबा का समर्थन करते हुए मुशर्रफ ने कहा कि हाफिज सईद मुंबई हमले में शामिल नहीं था। नवाज शरीफ और मोदी के बीच हुई मुलाकात को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुशर्रफ ने कहा ''मैं भी अटल बिहारी वाजपेयी से मिला था लेकिन मैं सिर्फ पाकिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर मिला था, निजी कारणों की वजह से नहीं।'' मुशर्रफ ने कहा ''मैंने उनके साथ मित्रता की कोशिश नहीं की लेकिन देखिए नवाज शरीफ को उन्होंने मोदी के साथ दोस्ती करने का कोशिश की है।''
हाल ही में हाफिज सईद के नजरबंदी से रिहा होने पर अमेरिका के बयान पर बोलते हुए मुशर्रफ ने कहा कि, यह हमारा देश हैं और हमें अच्छे से पता है कि किसे गिरफ्तार करना चाहिए और किसे रिहा। उन्होंने कहा कि मैं अमेरिका को बताना चाहता हूं कि कृप्या हमें उपदेश ना दे। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयानों की वजह से अमेरिका सिर्फ पाकिस्तान की संप्रभुता का मजाक बना रहा है, और यह हमारा फैसला है कि हमें हाफिज सईद के साथ क्या करना है।
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