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पनामा कांड: नवाज़ शरीफ़ अड़े, कहा जनता ने चुना है, नहीं दूंगा इस्तीफ़ा

पनामा मामले में जांच समिति द्वारा अपने और परिवार के खिलाफ घूस के आरोप में मामला दर्ज करने होने के बाद इस्तीफ़े की मांग से घिरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें जनता ने चुना है और वह इस्तीफा नहीं देंगे।

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पनामा मामले में जांच समिति द्वारा अपने और परिवार के खिलाफ घूस के आरोप में मामला दर्ज करने होने के बाद इस्तीफ़े की मांग से घिरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें जनता ने चुना है और वह  इस्तीफा नहीं देंगे।

डॉन की खबर के मुताबिक आपातकालीन कैबिनेट बैठक में शरीफ ने संयुक्त जांच दल (जेआईटी) की रिपोर्ट को आरोपों और कयासों का पुलिंदा बताया। छह सदस्यों वाली जेआईटी ने शरीफ परिवार के कारोबारी लेनदेन की जांच की और इसके बाद 10 जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय को 10 खंडों वाली अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

जेआईटी ने अनुशंसा की थी कि शरीफ उनके बेटे हसन और हुसैन और बेटी मरियम के खिलाफ राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) अध्यादेश 1999 के तहत भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। जेआईटी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद बुलाई गई पहली कैबिनेट बैठक में शरीफ ने कहा कि वह किसी के भी कहने पर प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे।

रिपोर्ट के जारी होने के बाद से ही प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांग रहे विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए शरीफ ने कहा कि मुझे पाकिस्तान के लोगों ने चुना है और सिर्फ वे ही मुझे हटा सकते हैं। शरीफ ने दावा किया कि उनके परिवार ने राजनीति में आने के बाद कमाया कुछ नहीं, गंवाया बहुत कुछ। उन्होंने कहा कि जेआईटी की रिपोर्ट में इस्तेमाल भाषा दुर्भावनापूर्ण इरादे दिखाती है।

रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि वह साजिशकर्ताओं के समूह की मांग पर इस्तीफा नहीं देंगे। शरीफ ने कहा कि जो लोग अनावश्यक और झूठे दावों पर मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं उन्हें पहले अपने गरेबां में झांककर देखना चाहिए। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक विपक्ष की इस्तीफे की मांग के बाद उन्होंने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ भविष्य की योजना पर चर्चा की।

मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने प्रधानमंत्री शरीफ के नेतृत्व में पूरा भरोसा जताया और इस्तीफा न देने के उनके फैसले का अनुमोदन किया। मंत्रिमंडल के सदस्यों ने सुझाव दिया कि शरीफ को खुद को साबित करने के लिये पनामा पेपर मामले में कानूनी जंग लड़नी चाहिए। शरीफ ने यह भी चर्चा की कि अदालत में जेआईटी की रिपोर्ट को कैसे चुनौती दी जाये जहां सोमवार से सुनवाई होगी।

प्रधानमंत्री आवास पर हुई एक अनौपचारिक बैठक के दौरान आज की बैठक बुलाने का फैसला किया गया। सभी प्रमुख विरोधी दलों ने उनसे पद से इस्तीफा देने और नाम बेदाग साबित होने तक सत्ता से दूर रहने की मांग की है। शरीफ की बेटी मरियम ने ट्वीट किया कि इंशा अल्लाह वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि सत्ता में पिछले पांच कार्यकालों के दौरान सार्वजनिक धन के गलत इस्तेमाल का एक भी आरोप उनके खिलाफ साबित नहीं हुआ है।

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