लाहौर: पाकिस्तान में एक मां को 18 वर्षीय अपनी बेटी को जिंदा जलाने के लिए सोमवार को मौत की सजा सुनाई गई। लड़की घर से भाग गई थी और परिवार की सहमति के बिना शादी कर ली थी। कुछ ही महीने पहले संसद ने झूठी शान के लिए हत्या के वास्ते सजा का एक नया कानून बनाया था।
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लड़की जीनत रफीक को उसकी मां परवीन बीबी ने जून 2016 में जिंदा जला दिया था। वह एक सप्ताह पहले हसन खान नाम के व्यक्ति से लाहौर के एक कोर्ट में शादी करने के लिए घर से भाग गई थी। परवीन ने इससे पहले अपनी बेटी की परिवार की बदनामी करने के लिए हत्या करने की बात कबूल की थी। पुलिस ने संदेह व्यक्त किया था कि इस कृत्य में परवीन की उसके बेटे ने मदद की थी। आतंकवाद निरोधक अदालत (ATC) न्यायाधीश आजम चौधरी ने सोमवार को परवीन को झूठी शान के लिए हत्या मामले में मौत की सजा सुनाई। जीनत के भाई अनीस को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
अदालत में इसका खुलासा हुआ कि जीनत की मां एवं भाइयों ने पहले उसकी पिटाई की थी और उसके बाद उसकी मां ने उस पर केरोसिन का तेल डालकर आग लगा दी। परवीन सोमवार को अदालत में पेश हुई और जीनत की मौत की जिम्मेदारी स्वीकार की। जीनत का पति हसन खान गत जून में अपनी पत्नी को उसके घर भेजने पर तैयार हुआ था। हसन खान अपनी पत्नी को तब उसके घर भेजने को तैयार हुआ था जब उसके परिवार ने दोनों का पारंपरिक तरीके से विवाह कराने की बात कही।
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