लाहौर. पाकिस्तान की लाहौर पुलिस ने ऐतिहासिक मीनार-ए-पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस पर एक महिला यूट्यूबर के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार 155 संदिग्धों को रिहा कर दिया है। पीड़िता और उसकी टीम के सदस्य एक परेड के दौरान आरोपियों की पहचान नहीं कर पाए, जिसके चलते संदिग्धों को रिहा किया गया।
पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह घटना 14 अगस्त को हुई थी, जब सैकड़ों युवा लाहौर में मीनार-ए-पाकिस्तान के पास आजादी चौक पर पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस मना रहे थे। इस घटना से देशव्यापी आक्रोश फैल गया था और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी निंदा की गई थी।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में सैकड़ों युवकों को लड़की को हवा में उछालते, घसीटते, कपड़े फाड़ते और उसके साथ छेड़छाड़ करते देखा जा सकता है। सभी दलों के राजनेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उनमें से कई ने इसे ''यौन आतंकवाद'' कहा है।
लाहौर पुलिस ने लड़की और उसके साथियों पर हमला करने के आरोप में 400 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और बाद में मामले में 161 लोगों को गिरफ्तार किया था।
पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने मंगलवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''बीते कुछ दिन में कैंप जेल लाहौर में न्यायिक मजिस्ट्रेट की निगरानी में, गिरफ्तार किये गए 161 गिरफ्तार संदिग्धों की पहचान परेड आयोजित की गई थी। लड़की और उसकी टीम के सदस्य केवल छह संदिग्धों की पहचान कर सके जिसके बाद पुलिस ने मजिस्ट्रेट को बताया कि इस मामले में अब 155 संदिग्धों की जरूरत नहीं है और बाद में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया।''
उन्होंने कहा कि लड़की द्वारा पहचाने गए छह संदिग्धों को नौ सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। कुछ संदिग्धों ने अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि लड़की ने खुद उन्हें वीडियो बनाने के लिए मीनार-ए-पाकिस्तान में आमंत्रित किया और जो कुछ उसके साथ हुआ, उसके लिए वह जिम्मेदार थी।
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