इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने मीडिया में आई उन खबरों पर ‘गंभीर चिंता’ व्यक्त की है जिनमें कहा गया है कि भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सहित विदेशियों की इजरायल के स्पाईवेयर पैगसस के जरिए कथित तौर पर जासूसी की है। मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान NSO ग्रुप की साइबर जासूसी कंपनी के ग्राहकों द्वारा इजरायल निर्मित पैगसस स्पाइवेयर प्रोग्राम निशाने पर थे। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से मामले की जांच कराने का अनुरोध भी किया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर भारत के कथित जासूसी मामले में मीडिया के सवालों पर जवाब दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमने अंतरराष्ट्रीय मीडिया की उन खबरों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है जिनमें भारत सरकार द्वारा अपने नागरिकों, विदेशी नागरिकों तथा प्रधानमंत्री इमरान खान की इजराइल के स्पाईवेयर के जरिए जासूसी अभियान चलाने का भंडाफोड़ किया गया है। हम इस खुलासे पर करीब से नजर रख रहे हैं और वैश्विक मंच का ध्यान भारत के इस कृत्य की ओर आकर्षित करेंगे।’
‘डॉन’ अखबार ने खबर दी थी कि डेटा लीक की जांच में एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह के सहयोगात्मक प्रयासों से पता चला है कि जिन लोगों के फोन को निशाना बनाया गया था उनकी सूची में कम से कम एक नंबर ऐसा मिला है जिसका प्रधानमंत्री खान ने कभी इस्तेमाल किया था। खबर के मुताबिक, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वास्तव में प्रधानमंत्री खान का फोन हैक किया गया था। यह भी स्पष्ट नहीं है कि सूची में पाकिस्तान के कितने अन्य लोग है। ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक सूची में 100 से ज्यादा पाकिस्तानी नंबर हैं।
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की संबंधित इकाइयों से मामले की गहन जांच करने की भी मांग की और ‘तथ्यों को सामने लाने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।’ वहीं भारत ने सोमवार को पैगसस जासूसी से जुड़े सभी आरोपों को खारिज किया था और कहा था कि भारतीय लोकतंत्र को ‘नुकसान’ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
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