इस्लामाबाद: भयंकर आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से उसे बाहर करने के लिए अमेरिका से उम्मीद लगाई हुई है। FATF वैश्विक स्तर पर धनशोधन और आतंकियों के वित्तपोषण की निगरानी करता है। पाकिस्तान यदि अप्रैल तक FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं होता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो पहले ही अपना बुरा दौर देख रही उसकी अर्थव्यवस्था के लिए और ज्यादा मुसीबत पैदा हो जाएगी।
कुरैशी को उम्मीद, अमेरिका मदद करेगा
पाकिस्तानी मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि FATF की अगले महीने बीजिंग में होने वाली बैठक में अमेरिका उसे इस सूची से बाहर करने का प्रयास करेगा। पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा, ‘यह बैठक हमारे लिए काफी अहम है क्योंकि इसके बाद पेरिस में अप्रैल में प्लेनरी मीटिंग होगी जहां विश्व निकाय यह फैसला करेगा कि पाकिस्तान उसके ग्रे लिस्ट में रहेगा या उससे बाहर हो जाएगा।’
...तो पाकिस्तान पर भी लगेगा ईरान जैसा बैन
बता दें कि FATF ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में डाल दिया है जो मनी लॉन्ड्रिंग को समाप्त करने में विफल रहा है और जहां आतंकी अभी भी अपनी गतिविधियों के लिए पैसे जुटाने में कामयाब हो रहे हैं। अगर पाकिस्तान अप्रैल तक इस सूची से बाहर नहीं हो पाएगा तो उसे ब्लैक लिस्ट देशों की सूची में डाल दिया जा सकता है जिससे उसे उसी प्रकार गंभीर आर्थिक प्रतिबंधों को सामना करना पड़ सकता है, जिस प्रकार ईरान को करना पड़ रहा है।
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