इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने हिमालयी गुलाबी नमक को भौगोलिक संकेतों (GI) के रूप में रजिस्टर्ड कराने का फैसला किया है ताकि दूसरे देशों द्वारा इसके अनधिकृत इस्तेमाल को रोका जा सके। इस कीमती नमक को पाकिस्तान के पंजाब में स्थित साल्ट रेंज से निकाला जाता है जो पोतोहार पठार के दक्षिण एवं झेलम नदी के उत्तर तक फैला है। पाकिस्तानी अखबार डॉन खबरों में कहा गया है कि यह फैसला बौद्धिक संपदा संगठन (IPO) की बैठक में लिया गया। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बैठक की अध्यक्षता वाणिज्य सलाहकार रज्जाक दाऊद ने की। IPO के अध्यक्ष मुजीब अहमद खान ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।
क्या है गुलाबी नमक की खासियत?
एक आधिकारिक घोषणा में कहा गया है कि बैठक के दौरान पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों के उत्पादों के लिये जीआई रजिस्ट्रेशन पर चर्चा हुई। इस कदम का लक्ष्य पाकिस्तान के जीआई का दूसरे देशों द्वारा किए जाने वाले अनाधिकार इस्तेमाल पर रोक लगाना है। गुलाबी नमक एक ऐसा नमक है जिसमें खनिज की प्रचुरता होती है और जो स्वास्थ्य के लिये लाभदायक है। बासमती चावल को अपने उत्पाद के तौर पर पंजीकृत कराने के भारत के कदम के खिलाफ पाकिस्तान 27 सदस्यीय यूरोपीय यूनियन में लड़ रहा है। बता दें कि बासमती धान सदियों से दोनों देशों में उगाया जाता रहा है।
क्या होता है GI टैग?
GI टैग एक भौगोलिक संकेत है जो किसी विशेष क्षेत्र/राज्य/ देश के उत्पाद, निर्माता या व्यवसायियों के समूह को अच्छी गुणवत्ता के कृषि, औद्योगिक एवं प्राकृतिक वस्तुओं को बनाने के लिए दिया जाता है। पाकिस्तान के नाम बासमती चावल का जीआई टैग है। पाकिस्तान ने जीआई सर्टिफिकेशन लेने की दिशा में काफी देर से सोचना शुरू किया और हाल ही में वहां इससे जुड़ा कानून बनाया गया था। जहां तक भारत के रजिस्टर्ड जीआई उत्पादों की बात है तो इनमें बासमती चावल, दार्जीलिंग चाय, मगही पान, शाही लीची, नागपुरी संतरा और इलाहाबादी सुर्खा अमरूद आदि शामिल हैं।
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