दुनिया के सामने फिर एक्सपोज होगा पाकिस्तान! 26/11 के गवाह खोलेंगे हाफिज सईद के राज
इससे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि हमले से जुड़े पाकिस्तानी गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, अब भारत अपने गवाहों को पाकिस्तान भेजे ताकी 90 दिनों के अंदर सभी गवाहों के बयान दर्ज किए जा सकें और कोर्ट इस केस में किसी निष्कर्ष पर पहुंचे।
भारत ने मुंबई के 26/11 के आतंकवादी हमले के 27 गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए पाकिस्तान के न्यायिक आयोग को इजाजत दे दी है। मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद समेत सभी आरोपियों सजा दिलाने के लिए भारत ने ये फैसला किया गया है। भारत लगातार पाकिस्तान पर मुंबई हमले में दोषियों के सजा का दबाव बना रहा है, यही वजह है कि पाकिस्तान में इस केस की जांच कर रही एंटी टेररिस्ट कोर्ट के दल को भारत आने की अनुमति दी गई है जो हमले से जुड़े 27 गवाहों से पूछताछ करेगी।
इससे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि हमले से जुड़े पाकिस्तानी गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, अब भारत अपने गवाहों को पाकिस्तान भेजे ताकी 90 दिनों के अंदर सभी गवाहों के बयान दर्ज किए जा सकें और कोर्ट इस केस में किसी निष्कर्ष पर पहुंचे। इसके साथ-साथ पाकिस्तान ने बोट को भी सौंपने को कहा है जिसका इस्तेमाल आतंकी कसाब और उसके साथियों ने मुंबई में घुसने के लिए किया था।
गवाहों की सुरक्षा को देखते हुए भारत ने उन्हें पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया और पाकिस्तान के न्यायिक आयोग के सामने या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाहों के बयान दर्ज करने को कहा। ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की एंटी टेररिस्ट कोर्ट का कोई न्यायिक दल भारत आएगा और मुंबई हमलों के गवाहों से पूछताछ करेगा बल्कि उससे पहले साल 2013 में पाकिस्तान का न्यायिक दल मुंबई आया था, न्यायिक दल ने दावा किया था कि गवाहों से जिरह करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
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साल 2009 में पाकिस्तान में लश्कर आतंकी जकीउर रहमान लखवी समेत 7 लोगों की गिरफ्तारी के बाद केस का ट्रायल शुरू किया गया था, लेकिन 2015 में सबूतों के अभाव का हवाला देकर लखवी को रिहा कर दिया गया था। पाकिस्तान के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद के खिलाफ भी भारत ने ठोस सबूत मुहैया कराए थे लेकिन पाकिस्तान उन सबूतों को पर्याप्त नहीं मानता है। यही वजह है कि मुंबई हमलों का गुनगहगार आतंकी हाफिज सईद खुलेआम घूम रहा है।
हाफिज सईद दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकवादी है। 2008 में मुंबई हमलों में मारे गए 166 लोगों को गुनहगार है लेकिन पाकिस्तान में उसे कुछ दिनों के लिए नजरबंद किया जाता है। दिखावे के लिए जेल भेजा जाता है, और सबूत नहीं होने की बात कहकर छोड़ दिया जाता है। इसी साल 17 जुलाई को टेरर फंडिंग के आरोप में हाफिज सईद को गिरफ्तार किया गया था। उससे पहले आतंकी हाफिज सईद को टेरर फंडिंग के दो अन्य मामलों ने फरवरी में 11 साल की सजा सुनाई थी लेकिन लाहौर की लखपत जेल बंद हाफिज सईद को रिहा कर दिया गया था।
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संयुक्त राष्ट्र ने 2008 में हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। अमेरिका ने उस पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का ईनाम रखा है। सवाल है कि अगर आतंकी हाफिज सईद और लखवी गुनहगार नहीं हैं तो भारत को इंसाफ कैसे मिलेगा? पाकिस्तान की चालबाजियों से भारत अच्छी तरह वाकिफ है। पाकिस्तान आरोप लगाता है कि मुंबई हमलों की जांच में भारत सहयोग नहीं करता, ऐसे में पाकिस्तान के न्यायिक दल को यहां आने की अनुमति देकर भारत पूरी दुनिया के सामने एक बार फिर उसे एक्सपोज करना चाहता है।