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पाकिस्तान: कोर्ट ने 20 लोगों की विदेश यात्रा पर लगाई रोक, पूर्व राष्ट्रपति का नाम भी शामिल

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने देश के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन के विदेश जाने पर रोक लगा दी है...

Pakistan Supreme Court bans Asif Ali Zardari, his sister from travelling abroad | Pixabay- India TV Hindi Pakistan Supreme Court bans Asif Ali Zardari, his sister from travelling abroad | Pixabay

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने देश के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन के विदेश जाने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने जाली बैंक खातों के मामले में ताजा रहस्योद्घाटन के बाद पूर्व राष्ट्रपति एवं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी और उनकी बहन फरयाल तालपुर की विदेश यात्रा पर रविवार को यह रोक लगाई। इन दोनों के अलावा 18 और लोगों की विदेश यात्रा पर रोक लगाते हुए उनका नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीफ जस्टिस साकिब निसार ने 20 लोगों के नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डालने के आदेश दिए हैं जिनमें जरदारी और फरयाल के नाम भी शामिल हैं। इस लिस्ट में शामिल लोगों पर पाकिस्तान से बाहर जाने पर रोक होती है। चीफ जस्टिस ने फर्जी बैंक खातों की जांच की सुस्त रफ्तार के बाद यह आदेश दिए। शीर्ष अदालत ने सात फर्जी बैंक खातों के धारकों और 13 लाभार्थियों को 12 जुलाई को सम्मन किया। शीर्ष अदालत ने जिन लोगों को 12 जुलाई को पेश होने के लिए कहा है उनमें जरदारी, फरयाल, तारिक सुलतान, इरम अकील, मोहम्मद अशरफ और मोहम्मद इकबाल आराईं शामिल हैं।

Asif Ali Zardari | AP

जाली बैंक खातों के लाभार्थियों में नासिर अब्दुल्ला, अंसारी शुगर मिल्स, ओमानी पोलीमर पैकेजेज, पाक इथेनोल प्राइवेट लिमिटेड, चांबर शुगर मिल्स, एग्रो फार्म थट्टा, जरदारी ग्रुप, पार्थेनोन प्राइवेट लिमिटेड, एवन इंटरनेशनल इत्यादि के नाम शामिल है। शुक्रवार को संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने सेंट्रल डिपोजिटरी कंपनी (CDC) अध्यक्ष एवं सम्मिट बैंक के उपाध्यक्ष हुसैन लावाइ को हिरासत में लिया था। लावाइ जरदारी के निकट सहयोगी हैं।

FIA के सूत्रों के अनुसार एक महिला समेत 7 लोगों के नाम पर 29 बैंक खाते खोले गए। इनमें से 18 से 19 खाते अकेले सम्मिट बैंक खोले गए हैं। इन खातों का इस्तेमाल धनशोधन के लिए किया गया था और उनका संचालन एक कारोबारी अनवर मजीद करते थे जो जरदारी और उनके कारोबारी साझेदारों के बहुत नजदीक हैं। लावाइ के खिलाफ दर्ज FIR के मुताबिक इन जाली खातों में अरबों रूपये जमा किए गए थे। बाद में रकम जरदारी और अन्य लोगों के खातों में भेज दी गई। 

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