इस्लामाबाद/टोरंटो. कनाडा के पूर्व मंत्री एवं राजनयिक क्रिस एलेक्जेंडर ने पाकिस्तान पर “छद्म युद्ध और युद्ध अपराधों” में संलिप्त होने तथा पड़ोसी अफगानिस्तान के खिलाफ “आक्रामक कृत्य” में शामिल होने का आरोप लगाया है। एलेक्जेंडर 2013 से 2015 तक कनाडा के नागरिकता एवं आव्रजन मंत्री रहे और उन्होंने रविवार को एक ट्वीट में कहा, “तालिबान लड़ाके पाकिस्तान से अफगानिस्तान सीमा पार करने के लिये इंतजार कर रहे हैं…कोई अब भी इनकार कर रहा है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के खिलाफ ‘आक्रामक कृत्य’ में संलिप्त है और छद्म युद्ध व युद्ध अपराधों में शामिल है।”
एलेक्जेंडर के ट्वीट पर नाराजगी जाहिर करते हुए पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने वरिष्ठ कनाडाई राजनेता की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जाहिर की और उनके बयान को जमीनी हकीकत व तथ्यों से अनभिज्ञता के आधार पर किया गया “भ्रामक दावा” करार दिया। अफगानिस्तान सरकार के अधिकारी पाकिस्तान पर तालिबान को कथित तौर पर मदद देने का आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन किसी विदेशी शख्सियत का इसे इंगित करने का यह अपनी तरह का दुर्लभ मामला है।
भारत भी पूर्व में बार-बार पाकिस्तान से सीमा-पार आतंकवाद को समर्थन बंद करने और आतंकी समूहों को पनाहगाह उपलब्ध न कराने को कहा चुका है। अमेरिकी सेना की करीब 20 सालों बाद अफगानिस्तान से वापसी के अंतिम चरण के बीच एलेक्जेंडर का यह ट्वीट आया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा कि अफगानिस्तान से 95 प्रतिशत अमेरिकी सैनिक रवाना हो चुके हैं और तालिबान ने देश के एक बड़े हिस्सा पर अपनी मौजूदगी का विस्तार किया है।
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, “हम कनाडा के पूर्व मंत्री क्रिस एलेक्जेंडर की अनावश्यक टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हैं जिसमें अफगान शांति प्रक्रिया को लेकर पाकिस्तान की भूमिका के बारे में निराधार व भ्रामक दावे किए गए हैं। इस तरह की टिप्पणियां मुद्दे को लेकर समझ के पूर्ण आभाव व जमीनी हकीकत व तथ्यों की अज्ञानता को दर्शाती हैं।” विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने यह मामला कनाडा की सरकार के साथ उठाया है। बयान के मुताबिक, “कनाडाई पक्ष के साथ मामला उठाया गया है। हमनें कनाडाई अधिकारियों से इस प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण अभियान के खिलाफ कदम उठाने को कहा है।”
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