इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय बलों की ओर से कथित संघर्षविराम उल्लंघन पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए शुक्रवार (26 जून) को भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने दावा किया कि भारतीय बलों ने गुरुवार को करेला सेक्टर में 'अंधाधुंध और बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी' जिससे 28 वर्षीय एक ग्रामीण घायल हो गया।
इसने आरोप लगाया, 'भारतीय बल नियंत्रण रेखा तथा वर्किंग बाउंडरी पर तोपखाने, उच्च क्षमता वाले मोर्टार और स्वचालित हथियारों से लगातार असैन्य नागरिकों की आबादी वाले इलाकों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने 2020 में अब तक संघर्षविराम का 1,487 बार उल्लंघन किया है जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई और 106 निर्दोष लोग घायल हो गए।'
विदेश कार्यालय ने दावा किया, 'अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन नियंत्रण रेखा पर स्थिति खराब करने के भारत के लगातार जारी प्रयासों को दर्शाता है और यह क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है।' इसने कहा कि भारतीय पक्ष से आग्रह किया गया कि वह भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) को अनुमति दे जिससे कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप अपनी भूमिका निभा सके। भारत कहता रहा है कि शिमला समझौते और फिर नियंत्रण रेखा की स्थापना के बाद यूएनएमओजीआईपी की उपयोगिता खत्म हो गई है तथा यह अप्रासंगिक हो गया है।
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