इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर भारतीय बलों द्वारा बिना उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन करने और इसमें एक पाकिस्तानी ग्रामीण की जान जाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को इस पर विरोध दर्ज कराने के लिए भारत के उप उच्चायुक्त को तलब किया। विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि महानिदेशक (दक्षिण एशिया और दक्षेस) और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने भारतीय उप उच्चायुक्त को बुलाया और ‘‘चार सितंबर को नियंत्रण रेखा पर भारतीय बलों के बिना उकसावे के संघर्ष विराम उल्लंघन की निंदा की।’’
बयान के अनुसार कोटकोटेरा क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी में मंगलवार को एक नागरिक की मौत हो गयी। विदेश कार्यालय ने आरोप लगाया कि भारतीय बलों ने नियंत्रण रेखा और कामकाजी सीमा पर 2000 से ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है जिनमें 32 बेगुनाह नागरिक मारे गये वहीं 122 से ज्यादा घायल हो गये। इसमें आरोप लगाया गया कि भारत द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन में यह बेतहाशा तेजी 2017 से जारी है जब भारतीय बलों ने 1970 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था।
बयान में कहा गया, ‘‘असैन्य आबादी वाले इलाकों को जानबूझकर निशाना बनाया जाना निंदनीय है और मानवीय गरिमा तथा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों एवं मानवीय कानूनों के विपरीत है। भारत द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है।’’ फैसल ने भारतीय पक्ष से 2003 के संघर्ष विराम समझौते का सम्मान करने, इस घटना और अन्य घटनाओं की जांच करने तथा एलओसी पर शांति कायम रखने का आग्रह किया। उन्होंने भारतीय पक्ष से भारत और पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार दी गयी भूमिका निभाने देने का आग्रह भी किया।
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