पाकिस्तान का एक और ड्रामा आया सामने, सिख लड़की के धर्मांतरण पर FIR को किया रद्द
ननकाना साहिब के ग्रंथी की 19 वर्षीय पुत्री को लाहौर से करीब 80 किलोमीटर दूर उसके इलाके से मोहम्मद हसन द्वारा अपहृत कर लिया गया था।
लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस ने एक मुस्लिम युवक और अन्य के खिलाफ एक सिख लड़की के कथित अपहरण और उसे इस्लाम धर्म कबूल कराने को लेकर दर्ज FIR रद्द कर दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने FIR दोनों परिवारों द्वारा एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद रद्द की है। आपको बता दें कि ननकाना साहिब के ग्रंथी की 19 वर्षीय पुत्री को गत अगस्त में लाहौर से करीब 80 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब स्थित उसके इलाके से मोहम्मद हसन द्वारा अपहृत कर लिया गया था। हसन ने बाद में उससे कथित रूप से निकाह कर लिया था।
‘मामले को आपस में सुलझाने की बात हुई’
पंजाब प्रांत के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को कहा, ‘लड़की और हसन के परिवारों ने एक लिखित समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें उन्होंने मामले को आपस में सुलझाने की बात कही है। लड़की के परिवार ने हसन और उसके परिवार के सदस्य एवं मित्रों के खिलाफ सभी आरोप वापस ले लिए हैं, उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द हो गई है।’ उन्होंने कहा कि हसन और उसके परिवार के कुछ सदस्यों ने समझौते को देखते हुए अपनी ऐहतियाती जमानत वापस ले ली है।
वायरल हुआ था लड़की के परिवार का वीडियो
लड़की के परिवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें उसके परिवार के एक सदस्य ने आरोप लगाया था कि पुरुषों के एक समूह ने उनके मकान पर हमला करके लड़की का अपहरण कर लिया था और उसे जबर्दस्ती इस्लाम कबूल कराकर हसन से विवाह करा दिया। इस घटना को लेकर पाकिस्तान के साथ ही भारत में भी चिंताएं उत्पन्न हो गई थीं। 6 व्यक्तियों के खिलाफ कथित तौर पर लड़की का अपहरण करने और उसे इस्लाम कबूल कराने के लिए 29 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस ने हसन के मित्र अरसलान को गिरफ्तार कर लिया था।
लड़की ने कहा, अपनी मर्जी से किया निकाह
एक अदालत के आदेश पर लड़की को लाहौर के दारुल अमान (आश्रयगृह) भेज दिया था जब उसने जज से यह कहा था कि उसने अपने इलाके के हसन से निकाह अपनी मर्जी से किया था। सिख लड़की के कथित अपहरण पर सिख समुदाय द्वारा नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जताए जाने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार और गवर्नर चौधरी सरवार मामले में हस्तक्षेप करने के लिए बाध्य हुए थे। अधिकारी ने कहा, ‘समझौते में यह निर्णय किया गया है कि हसन लड़की को अपने साथ रहने के लिए बाध्य नहीं करेगा और यदि वह कहती है तो उसे तलाक दे देगा।
अभी भी आश्रयगृह में है लड़की
लड़की के परिवार ने यह भी कहा है कि लड़की के वापस आने पर वे उसे किसी भी तरीके से नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।’ पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि लड़की अभी भी लाहौर के आश्रयगृह में है क्योंकि वह फिलहाल ननकाना साहिब में अपने अभिभावकों के पास लौटने के लिए ‘मानसिक रूप से तैयार’ नहीं है। अधिकारी ने कहा, ‘इसको लेकर भी सहमति बनी है कि हसन यदि लड़की को तलाक नहीं देता है, फिर भी लड़की लड़के के सामने नहीं आएगी या लड़का लड़की के सामने नहीं आएगा।’
सिखों और मुस्लिमों के बीच पैदा हुआ था तनाव
भारत ने लड़की के अपहरण और जबर्दस्ती धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के समक्ष चिंता जताई थी और ‘तत्काल सुधारात्मक कदम’ उठाने को कहा था। अधिकारी ने कहा कि करतारपुर गलियारे को खोले जाने और गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले पाकिस्तान सरकार स्थानीय सिखों को नाराज नहीं कर सकती। इस घटना को लेकर क्षेत्र में सिखों और मुस्लिमों के बीच तनाव उत्पन्न हो गया था। (भाषा)