इस्लामाबाद: पाकिस्तान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र को पांचवां प्रांत घोषित करने की तैयारी में है जिससे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से सीमा साझा करने के कारण भारत में उसके इस कदम से चिंता बढ़ सकती है। पाकिस्तान के अंतर प्रांतीय समन्वय मंत्री रियाज हुसैन पीरजादा ने जियो टीवी को बताया कि विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की अध्यक्षता में एक समिति ने गिलगित-बाल्तिस्तान को एक प्रांत का दर्जा देने का प्रस्ताव दिया है।
पीरजादा ने कल कहा, समिति ने यह सिफारिश की है कि गिलगित-बाल्तिस्तान को पाकिस्तान का प्रांत बनाना चाहिये। साथ ही उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का दर्जा बदले जाने को लेकर संविधान में संशोधन किया जाएगा। इसी क्षेत्र से 46 बिलियन डॉलर की लागत वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) गुजरता है। पाकिस्तान, गिलगित-बाल्तिस्तान को एक अलग भौगोलिक इकाई मानता है। इस क्षेत्र की अपनी विधानसभा और एक निर्वाचित मुख्यमंत्री है।
अभी बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध पाकिस्तान के चार प्रांत है। पाकिस्तान के इस कदम से भारत की चिंताएं बढ़ सकती है क्योंकि इस विवादित क्षेत्र की सीमा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से लगती है। ऐसा माना जा रहा है कि गिलगित-बाल्तिस्तान की अस्थिर स्थिति को लेकर चीन की चिंताओं के कारण पाकिस्तान को इसका दर्जा बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है। डॉन समाचार पत्र में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान सीपेक को कानूनी रूप देने के प्रयास में इस क्षेत्र के संवैधानिक दर्जें को बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
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