पाकिस्तान: महिलाओं पर हमला कर रहा है चाकूबाज, कराची में फैला आतंक
कराची में एक शख्स ने 2 सप्ताह के भीतर 10 से ज्यादा महिलाओं पर चाकू से हमला कर घायल कर दिया है...
इस्लामाबाद: कराची में एक शख्स ने 2 सप्ताह के भीतर 10 से ज्यादा महिलाओं पर चाकू से हमला कर घायल कर दिया। आरोपी चाकूबाज फिलहाल फरार है। पुलिस अधिकारियों और अस्पतालों ने कहा कि सभी महिलाओं पर पीछे से हमला किया गया है और सभी के दाहिनी तरफ चोटें आईं हैं। पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन ने अज्ञात अधिकारी के हवाले से कहा, ‘वह युवा और बुजुर्ग महिलाओं पर समान रूप से हमला कर रहा है।’ इस घटना को लेकर कराची के निवासियों के बीच भय और आक्रोश पैदा हो गया है।
कराची के एक दैनिक अखबार ने कहा, ‘कामकाजी महिलाएं भयभीत हैं, कई लोग बस स्टॉप पर जाने के बजाए रिक्शा और टैक्सी का सहारा ले रहे हैं। कराची विश्वविद्यालय और हबीब विश्वविद्यालय की छात्राएं अकेले चलने से बच रही हैं।’ हाल ही में हमले में पीड़ित एक गृहिणी, जो 3 बच्चों की मां थी, ने पुलिस को बताया कि एक मोटरसाइकिल पर एक लाल और काले हेलमेट डाले धूमिल सफेद सलवार कमीज पहने एक दुबला आदमी उनके पीछे से आया और उस पर हमला कर दिया और फरार हो गया।
पाकिस्तान में इस तरह के हमलावर पहले भी रहे हैं। कुख्यात हथौड़ा समूह और छलावा गिरोह ने कराची के लोगों में '80 और 90' के दशक में आतंक फैलाया था, जिसमें पीड़ितों की खोपड़ी को फोड़ दिया जाता था। वहीं 90 के दशक के अंत में, कराची के एक बड़े शॉपिंग मॉल के बाहर आधे बाजू की शर्ट पहनने वाली महिलाओं के हाथों पर पुरुष द्वारा ब्लेड से हमला करने की खबरें आई थीं। पंजाब की मंत्री जिल्ले हुमा को 2007 में मार डाला गया था, क्योंकि उनके हत्यारे उनके कपड़े पहनने के तरीके से खुश नहीं थे।
डॉन ने कहा, ‘2012 में कराची में एक रिक्शाचालक महिला यात्रियों को बैठाता था, उनकी हत्या कर शव को क्षत-विक्षत कर अंगों को फेंक दिया करता था। 2016 में खबरें सामने आई थीं कि एक व्यक्ति रावलपिंडी में महिलाओं की छुरा घोंपकर हत्या कर रहा था। इसी तरह के चाकू के हमले की खबरें 2013 से 2016 के बीच पंजाब के शाहीवाल जिले से आईं थीं।’ पुलिस अधिकारियों ने माना है कि कराची के आरोपी को पकड़ना इतना आसान नहीं है। अधिकारी ने कहा, ‘दो करोड़ की आबादी वाले एक शहर में आप मोटरसाइकिल पर किसी अकेले शख्स को रोककर उसके पास हथियार है या नहीं, इसकी जांच नहीं कर सकते। यह एक चुनौती है।’