इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने सोमवार को कहा कि परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध के लिए हाल में हुई संधि से वह बंधा हुआ नहीं है क्योंकि यह सभी हितधारकों के हितों पर गौर करने में विफल रहा। विदेश कार्यालय ने एक वक्तव्य में कहा कि परमाणु हथियारों के निषेध पर संधि को 7 जुलाई को मतदान के जरिए पारित किया गया था। यह प्रक्रिया और सामग्री के मामले में इन आवश्यक शर्तों को पूरा नहीं करती।
पाकिस्तान ने कहा कि इसलिए पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों से लैस अन्य सभी देशों की तरह बातचीत में हिस्सा नहीं लिया और संधि का हिस्सा नहीं बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र में 120 से अधिक देशों ने परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध से संबंधित पहली वैश्विक संधि को अंगीकार करने के लिए मतदान किया। अमेरिका और चीन समेत 8 अन्य परमाणु हथियारों से लैस देशों ने भी परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध के लिए कानूनन बाध्यकारी संधि के लिए बातचीत में हिस्सा नहीं लिया।
इसने कहा, ‘वैसी संधियां जिन्होंने सभी हितधारकों के हितों को पूरी तरह साथ नहीं लिया वे अपने उद्देश्यों को हासिल करने में विफल रहीं। पाकिस्तान इस संधि के किसी भी दायित्व से खुद को बंधा हुआ नहीं मानता है।’ पाकिस्तान ने एक बार फिर ऐसे तरीके से परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई जिससे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर शांति, सुरक्षा और स्थिरता को प्रोत्साहन मिले।
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