पाक ने खारिज किया BRICS घोषणापत्र, 'आतंकवादियों का पनाहगाह' पर कही यह बात
आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहे पाकिस्तान ने मंगलवार को चीन सहित BRICS देशों के घोषणापत्र को खारिज कर दिया...
इस्लामाबाद: आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहे पाकिस्तान ने मंगलवार को चीन सहित BRICS देशों के घोषणापत्र को खारिज कर दिया और कहा कि उसकी धरती पर आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं ने सोमवार को चीन के शियामन में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की और पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी समूहों सहित सभी आतंकी संगठनों की ओर से उत्पन्न खतरे को लेकर चिंता व्यक्त की।
43 पृष्ठों वाला घोषणापत्र ब्रिक्स के पूर्ण सत्र में पारित किया गया और इसमें क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति के साथ ही तालिबान, इस्लामिक स्टेट, अलकायदा और उसके सहयोगी संगठनों ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट आफ उज्बेकिस्तान, हक्कानी नेटवर्क, लश्करे तैयबा, जैशे मोहम्मद, तहरीके तालिबान पाकिस्तान (TTP) और हिज्ब उत तहरीर द्वारा की जाने वाली हिंसा पर चिंता व्यक्त की गई। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने नेशनल असेंबली की रक्षा पर स्थाई समिति की एक बैठक में कहा, ‘हम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के (सदस्य देशों की ओर से जारी) घोषणापत्र को खारिज करते हैं।’ दस्तगीर ने दावा किया कि पाकिस्तान की धरती पर आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित पनाहगाह नहीं है।
जियो टीवी ने दस्तगीर के हवाले से कहा, ‘पाकिस्तान ने अपनी धरती पर सभी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की है और थोड़े बहुत ही बचे रह गए हैं।’ उन्होंने बाद में मीडिया से कहा, ‘अफगानिस्तान का 40 प्रतिशत हिस्सा आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह है।’ दस्तगीर ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए अमेरिका के इंस्पेक्टर जनरल की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के 407 जिलों में से मात्र 57 प्रतिशत ही उनके नियंत्रण में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हाल की टिप्पणी के बाद पाकिस्तान की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘विदेश मंत्री क्षेत्रीय साझोदारों से मशविरा करेंगे और उसके बाद अमेरिका जाएंगे।’
दस्तगीर ने कहा, ‘इससे बेहतर संवाद में मदद मिलेगी। हम सभी मामलों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहते हैं क्योंकि पाकिस्तान में अमेरिका की किसी भी कार्रवाई से अस्थिरता उत्पन्न होगी।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जमीनी, हवाई और समुद्री सीमाओं की सख्त निगरानी की जा रही है और देश को विदेशी आक्रमण का कोई खतरा नहीं है।