नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर के आतंकवादी कैंपों में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रहे दहशतगर्दों को अब मुख्यधारा में शामिल करने के नाम पर एक गजब का प्लान तैयार किया है। अब पाकिस्तान सरकार आतंकी कैंपों में पलने वाले आतंकवादियों को पाकिस्तानी फौज में भर्ती करेगी।
लश्कर और जैश के आतंकवादी अब पाकिस्तान के रेंजर्स और वहां की आर्मी की वर्दी पहनेंगे। इमरान की सरकार ये सब अंतराराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए कर रही है। पाकिस्तान की सरकार अब जैश-ए-मोहम्मद के और लश्कर-ए-तैयबा या फलाहे इंसानियत की तरफ से चलाए जा रहे मदरसों और ट्रेनिंग कैंप्स को अपने कब्जे में लेगी। इन प्रॉपर्टी की जितनी कीमत है वो इनके आकाओं को अदा की जाएगी। इसके बाद सरकार आतंकी कैंपों में ट्रेनिंग ले चुके दहशतगर्दों को आर्मी, पैरा मिलिट्री फोर्स और पुलिस में भर्ती करेगी।
पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट हामिद मीर ने कल ट्वीट करके बताया था कि अब पाकिस्तान की सरकार वहां के प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को अपने कब्जे में लेने का फैसला कर चुकी है और इन संगठनों में मौजूद लोगों को पैरा मिलिट्री फोर्सेस में शामिल किया जाएगा। हालांकि इस प्लान के पीछे पाकिस्तान की सरकार दलील दे रही है कि इस प्लान को एग्जीक्यूट करने का फैसला पिछले साल दिसंबर में ही हो चुका था लेकिन फंड्स की कमी की वजह से नहीं लागू नहीं हो पाया। लेकिन अब इमरान खान ने आतंकवादियों को फौज में भर्ती करने के लिए बजट फंड का इंतजाम भी कर दिया है।
Latest World News