लाहौर: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है और समय-समय पर इसके सबूत भी मिलते रहते हैं। हाल ही में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक नेता के हिंदू विरोधी पोस्टरों से लाहौर की दीवारें पट गई थीं। मुल्क के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के लाहौर जोन के नेता मियां अकरम उस्मान ने इन पोस्टरों पर बवाल बढ़ता देख इन्हें हटा दिया और माफी मांग ली। मियां अकरम ने इन हिंदू विरोधी पोस्टरों की छपाई का दोष ‘प्रिंटर’ पर डालते हुए कहा है कि ‘प्रिंटर ने इन्हें गलती से छाप दिया।’
क्या लिखा था मियां अकरम के पोस्टरों पर?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मियां अकरम के पोस्टरों पर बेहद ही आपत्तिजनक बातें लिखी थीं। उनके पोस्टरों पर उर्दू में लिखा था कि 'हिंदू बात से नहीं लात से मानता है।' उनके पोस्टरों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीरें भी थीं। सोशल मीडिया पर कड़े विरोध के बाद उस्मान को इन पोस्टरों को हटाना पड़ा। मियां अकरम ने इस मसले पर सफाई देते हुए कहा कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना लगाना चाहते थे लेकिन ‘प्रिंटर ने गलती से मोदी की जगह हिंदू छाप दिया।’
प्रिंटर की गलती की बात को लोगों ने नकारा बता दें कि जैसे ही यह पोस्टर लोगों के बीच आए, पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। प्रिंटर की गलती वाली बात को भी लोगों ने मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद उस्मान ने ट्वीट किया, ‘मैं सरहद के इधर और उधर, दोनों तरफ के शांतिप्रिय हिंदुओं से माफी मांगता हूं। जैसे ही यह बात मेरी नोटिस में आई, मैंने सभी पोस्टर वापस ले लिए। मैं उनमें से नहीं हूं जो गलती से चिपके रहें।’ ये पोस्टर पाकिस्तान में 5 फरवरी को मनाए गए 'कश्मीर एकजुटता दिवस' के संबंध में तैयार कराए गए थे।
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