लाहौर: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सोमवार को प्रतिबंधित संगठन जमात उद दावा के हेडक्वॉर्टर के बाहर लगे बैरिकेड्स को हटा दिया। इन बैरिकेड्स को JuD के सदस्यों द्वारा एक दशक से भी अधिक समय पहले सुरक्षा के नाम पर लगाया गया था। चीफ जस्टिस साकिब निसार ने पंजाब पुलिस को लाहौर में सुरक्षा के नाम पर अवरूद्ध सभी सड़कों को खोलने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के चलते पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के जाती उमरा में स्थित आवास के बाहर से भी बैरिकेड्स को हटा लिया गया।
जस्टिस निसार ने रविवार को पुलिस महानिरीक्षक को चेताया था, ‘अगर आप अनुपालन रिपोर्ट सौंपने में नाकाम रहे तो अदालत आपकी किस्मत का फैसला करेगी। अगर मुख्यमंत्री चाहेंगे तो भी आप IG नहीं रह पाएंगे।’ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पुलिस ने शहर के 26 स्थानों से बैरिकेड्स को हटा दिया है। इन स्थानों में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ, कनाडा के मौलवी डॉक्टर ताहिरूल कादरी और दिवंगत गवर्नर सलमान तासीर के आवास भी शामिल हैं।
अदालत ने लोगों की तकलीफों को देखते हुए VIP सुरक्षा के नाम पर लगे इन बैरिकेड्स को तुरंत हटाने के आदेश दिए थे। JuD प्रमुख हाफिज सईद के समर्थक किसी भी तरह का हंगामान न करें, इसलिए पुलिस ने बैरिकेडिंग हटाने के पहले उन्हें कोर्ट का आदेश दिखाया। जेयूडी को लश्कर ए तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है। लश्कर ही मुंबई आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार है।
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