मुजफ्फराबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने पर बौखलाए हुए हैं। यही वजह है कि वह इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। इसी चक्कर में वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में रैली भी कर आए। हालांकि खुद पाकिस्तान के कई लोगों ने माना है कि उनकी यह रैली बुरी तरह फ्लॉप रही। इस रैली से ठीक पहले बड़ी संख्या में लोगों ने ‘इमरान खान वापस जाओ’ के भी नारे लगाए।
लगे ‘गो नियाजी गो बैक’ के नारे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुक्रवार को कश्मीर के समर्थन में मुजफ्फराबाद में आयोजित इमरान खान के जलसे के ठीक पहले बड़ी संख्या में भीड़ ने 'गो नियाजी गो बैक' के नारे लगाए। आपको बता दें कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का पूरा नाम इमरान अहमद खान नियाजी है। इमरान के नाम से जुड़ा नियाजी उपनाम पाकिस्तानियों को 1971 के युद्ध में भारत के हाथों शर्मनाक हार की याद ताजा करती है। पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने 16 दिसंबर, 1971 को अपने हथियार डाल दिए थे।
संसद में भी हुआ जबर्दस्त विरोध
नियाजी पख्तून होते हैं, जो अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हिस्सों में रहते हैं। पाकिस्तान में वे ज्यादातर मियांवाली में रहते हैं। हालांकि आमिर अब्दुल्ला नियाजी और इमरान खान नियाजी दोनों लाहौर में पैदा हुए थे। शुक्रवार के जलसा में कोई खास भीड़ नहीं रही और आम लोग आयोजन से दूर रहे। प्रशासन ने सरकारी अधिकारियों को लाकर वहां जगह भरने का काम किया। यहां तक कि गुरुवार को जब राष्ट्रपति आरिफ अल्वी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे, विपक्षी दल के सदस्य इमरान को निशाना बनाकर 'गो नियाजी गो' के नारे लगाने लगे।
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