लाहौर: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के एक विधायक को प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक को ‘कादियानी’ बुलाने के मामले में माफी मिलने के साथ ही बुधवार को जमानत पर जेल से रिहाई भी मिल गयी है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के सदस्यों को ‘कादियानी’ कहा जाता है। लाहौर पुलिस ने 27 जुलाई को PTI के विधायक नजीर चौहान को प्रधानमंत्री खान के जवाबदेही और आंतरिक मामलों पर विशेष सलाहकार मिर्जा शाहजाद अकबर को ‘कादियानी’ बुलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। चौहान पार्टी में बागी हुई जहांगीर तरीन समूह के साथ हैं।
‘चौहान को जमानत दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं’
अकबर की शिकायत के बाद पंजाब विधानसभा में विधायक चौहान के खिलाफ फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने मामला दर्ज किया था। अदालत ने चौहान की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिससे उन्हें जेल जाना पड़ा था। गौरतलब है कि चौहान ने ‘आधारहीन आरोप’ लगाने के लिए मंगलवार को अकबर से माफी मांगी, जिसपर अकबर ने उन्हें माफ कर दिया। अकबर ने लाहौर की सत्र अदालत से कहा कि उन्हें इस मामले में चौहान को जमानत दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। अकबर के वकील द्वारा अदालत में दायर हलफनामे में कहा गया है, ‘आरोपी नजीर चौहान ने अपनी गलती मान ली है, माफी मांग ली है और शिकायतकर्ता के खिलाफ झूठे आरोपों को लेकर पश्चाताप जताया है, जिसपर शिकायतकर्ता ने उन्हें माफ कर दिया है।’
खुद को मुसलमान भी नहीं कह सकते अहमदिया
अकबर के बयान के बाद अदालत ने चौहान को जमानत दे दी और उन्हें कोट लखपत जेल से रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की संसद ने 1974 में अहमदिया समुदाय के लोगों को गैर-मुसलमान घोषित किया था। एक दशक बाद उन्हें खुद को मुसलमान कहने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। उनके उपदेश देने और हज के लिए जाने पर भी पाबंदी है। अकबर ने कहा कि चौहान द्वारा उनकी धार्मिक आस्था पर टिप्पणी और उन्हें ‘कादियानी’ कहने के बाद उनके और उनके परिवार के लिए खतरा पैदा हो गया था। चौहान ने मई में टीवी पर एक शो के दौरान दावा किया था कि अकबर ‘कादियानी’ हैं और उन्हें चुनौती दी थी कि वह कसम खाएं कि ‘वह अहमदिया नहीं मुसलमान हैं।’
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