लाहौर: पाकिस्तान और भारत ने करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाले कॉरिडोर के लिए रूपरेखा पर चर्चा करने के वास्ते मंगलवार को तकनीकी बैठक की। एक निजी चैनल के अनुसार, दोनों तरफ के तकनीकी विशेषज्ञों और विदेश कार्यालय के अधिकारियों ने जीरो प्वाइंट (करतारपुर) में हुई चर्चा में भाग लिया। ऐसी खबर है कि उन्होंने सीमा पर बाड़ लगाने और सड़क के डिजाइन पर चर्चा की।
पाकिस्तान रेंजर्स के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों ने करतारपुर जीरो प्वाइंट पर बैठक की लेकिन पाकिस्तान के विदेश कार्यालय या पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ही बयान जारी करेगी। गत नवंबर में एक अहम कदम उठाते हुए भारत और पाकिस्तान सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव से जुड़े ऐतिहासिक गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक तक जोड़ने के लिए करतारपुर कॉरिडोर बनाने पर राजी हो गए थे। गौरतलब है कि गुरुद्वारा दरबार साहिब में ही गुरु नानक ने अपने जीवन का अंतिम समय बिताया था।
करतारपुर साहिब डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से करीब चार किलोमीटर दूर रावी नदी के पार पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित है। इससे पहले भारत ने वाघा सीमा पर दोनों देशों के बीच दो अप्रैल को होने वाली करतारपुर कॉरिडोर बैठक स्थगित कर दी थी। पाकिस्तान भारतीय सीमा से करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब तक कॉरिडोर का निर्माण करेगा जबकि पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से सीमा तक दूसरे हिस्से का निर्माण भारत करेगा। प्रधानमंत्री इमरान खान ने गत वर्ष 28 नवंबर को कॉरिडोर की नींव रखी थी। पाकिस्तान द्वारा बनाए जा रहे चार किलोमीटर के मार्ग का 50 फीसदी काम पूरा हो गया है। यह कॉरिडोर बाबा गुरु नानक की 550वीं जयंती पर इस साल नवंबर में खुलेगा।
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