इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक मंत्री ने मंगलवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री इमरान खान के ट्वीट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मजबूर कर दिया। इमरान की मंत्री ने दावा किया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका की मदद करने में पाकिस्तान के विफल रहने से जुड़े आक्रामक ट्वीट पर खान के जवाब से ट्रंप को ‘सच जानने के लिए मजबूर’ होना पड़ा। मंत्री ने कहा कि यही वजह है कि अमेरिका को अफगानिस्तान में शांति लाने के लिए पाकिस्तान से मदद मांगनी पड़ी।
खान के ट्रंप द्वारा उन्हें पत्र लिखे जाने की बात कहे जाने के एक दिन बाद पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने ट्विटर पर कहा कि अफगानिस्तान में 17 सालों से चल रहे बर्बर संघर्ष को खत्म करने के लिए तालिबान को वार्ता के लिये तैयार करने को ट्रंप पाकिस्तान की मदद लेने के लिये बाध्य थे। पिछले महीने ट्रंप ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान ने अमेरिका के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा था कि इस्लामाबाद ने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को एबटाबाद में अपनी सैन्य छावनी के पास छिपने में मदद की।
मजारी ने कई ट्वीट कर कहा, ‘पाकिस्तान के खिलाफ राष्ट्रपति ट्रंप के आक्रामक ट्वीट पर प्रधानमंत्री इमरान खान की प्रतिक्रिया की वजह से ट्रंप को सच्चाई का पता लगाने के लिये बाध्य होना पड़ा और प्रधानमंत्री खान से अफगानिस्तान में शांति लाने के लिये मदद मांगनी पड़ी।’ ट्रंप की पाकिस्तान विरोधी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया में खान ने पलटवार करते हुए अमेरिका को सलाह दी थी कि वह अपनी विफलताओं के लिये पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाने के बजाए आतंकवाद के खिलाफ जंग में अपनी क्षमता का आकलन करे।
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