इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर पर मध्यस्थता की अपनी पेशकश पर अपनी भारत यात्रा के दौरान ‘कुछ ठोस व्यावहारिक कदम’ उठाएंगे। बता दें कि ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया के साथ 24 और 25 फरवरी को भारत की यात्रा करने वाले हैं। विदेश कार्यालय (FO) की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने इस्लामाबाद में साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में उम्मीद जताई कि मध्यस्थता के लिए राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा की गई पेशकश ‘कुछ ठोस व्यावहारिक कदमों के जरिए आगे बढ़ाई जाएगी।’
फारूकी ने ट्रंप की भारत यात्रा और कश्मीर के हालात के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में यह बात कही थी। उन्होंने कहा कि 4 अमेरिकी सीनेटरों ने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ को पत्र लिख कर उनका ध्यान कश्मीर की स्थिति की ओर आकर्षित किया। नई दिल्ली का कहना है कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे पक्ष द्वारा मध्यस्थता किए जाने की कोई गुंजाइश नहीं है। बता दें कि पाकिस्तान ने हरसंभव कोशिश की है कि कश्मीर में वैश्विक समुदाय दखल दे लेकिन हमेशा उसे मुंह की खानी पड़ी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फारूकी ने इस मौके पर समझौता एक्सप्रेस पर हुए हमले की बात भी उठाई। उन्होंने कहा कि यह सप्ताह 13 साल पहले समझौता एक्सप्रेस ट्रेन मामले की दुखद याद दिलाता है और उस आतंकवादी हमले के 68 पीड़ितों के परिवारों और प्रियजनों को अब भी न्याय का इंतजार है। गौरतलब है कि पाकिस्तान की कोशिश भारत को आतंकवाद से जोड़ने की भी होती रही है, लेकिन इस मुद्दे पर भी दुनिया के सामने उसके दावे खोखले साबित होते रहे हैं। हकीकत तो यह है कि पाकिस्तान को अक्सर विदेशी देशों से आतंकवाद पर नकेल कसने की नसीहत मिलती रहती है।
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