इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि उन्हें जेल भेजने के लिए जिम्मेदार लोगों ने 'देश को डूबो' दिया है और उनकी ऐसी 'हरकतों' को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पीएमएल-एन के सुप्रीमो ने शनिवार को ट्विटर पर जवाबदेही प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया, जिसके जरिए उन्हें दोषी ठहराया गया था और जेल भेजा गया था।
अपने ट्वीट के साथ उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के पूर्व न्यायाधीश शौकत अजीज सिद्दीकी का एक वीडियो साझा किया। सिद्दीकी को राज्य के संस्थानों के खिलाफ एक विवादास्पद भाषण देने के बाद पद से हटा दिया गया था। वीडियो में पूर्व जज अरशद मलिक को भी दिखाया गया था, जिसमें वे शरीफ को दोषी ठहराने के लिए दबाव की बात स्वीकार कर रहे थे। इन जज को भी बाद में लाहौर उच्च न्यायालय की प्रशासनिक समिति द्वारा बर्खास्त कर दिया गया।
ट्वीट में आगे लिखा गया, "जबावदेही प्रक्रिया की ये वास्तविकता है कि तीन बार के चुने गए प्रधानमंत्री को सजा दी जाती है और फरार घोषित किया जाता है।" शरीफ ने फोन पर जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के साथ भी बात की और इमरान खान के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार को बाहर करने के विकल्पों पर चर्चा की।
सूत्रों ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि दोनों विपक्षी नेताओं ने विपक्षी दलों द्वारा नवगठित पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) गठबंधन के प्रमुख की नियुक्ति पर भी चर्चा की। साथ ही उन्होंने विधानसभाओं से इस्तीफा देने वाले विपक्षी सांसदों के मामले को तय करने के लिए समिति के गठन को भी मंजूरी दी।
बता दें कि 2018 में एक जवाबदेही अदालत ने अल-अजीजिया मामले में दोषी पाए जाने के बाद शरीफ को 7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी।
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