इस्लामाबाद: दिवालिया होने की कगार तक पहुंच गए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपने मुल्क की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं। ऐसी ही एक कोशिश में उनकी सरकार ने नए पदों के सृजन पर रोक लगा दिया है। कर्ज में डूबे पाकिस्तान की सरकार ने फैसला किया है कि अब वह कोई नई गाड़ी भी नहीं खरीदेगी और सरकारी विभागों में कागज के दोनों तरफ का इस्तेमाल किया जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद इसके कार्यकाल के पहले साल में देश का वित्तीय घाटा बढ़ता गया है।
जलपान में मिल रहा सिर्फ चाय-बिस्किट
पाकिस्तान के लिए बढ़ता वित्तीय घाटा बड़ी चिंता की बात है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा दिए गए कर्ज की सबड़े बड़ी शर्त यही है कि सरकार खर्चे घटाएगी और वित्तीय घाटे पर काबू पाएगी। सरकार इससे पहले सरकारी बैठकों में जलपान को केवल चाय-बिस्किट तक सीमित करने जैसे कदम उठा चुकी है। अब यह फैसला किया गया है कि संघीय सरकार विकासपरक योजनाओं को छोड़कर अन्य किसी भी काम के लिए किसी नए रोजगार का सृजन नहीं करेगी। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी आफिस मेमोरंडम में इन फैसलों की जानकारी दी गई है।
वाहन से लेकर कागज तक पर रोक
फैसला लिया गया है कि मोटरसाइकिल को छोड़कर कोई नया वाहन सरकार नहीं खरीदेगी। दफ्तरों में कागज की खपत को घटाने के लिए सभी सरकारी संदेशों के आदान-प्रदान में इसके दोनों तरफ का इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया है। किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा केवल एक ही अखबार या पत्रिका खरीदने की रोक पहले की ही तरह जारी रहेगी। मेमोरंडम में कहा गया है कि प्रधान अकाउंट अफसरों पर यह जिम्मेदारी रहेगी कि वे बिजली, गैस, टेलीफोन आदि के संतुलित और कम उपयोग को सुनिश्चित करें।
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