इस्लामाबाद: भारत की परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत की हालिया तैनाती को लेकर पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को चिंता जाहिर करते हुए कहा कि दक्षिण एशिया में परमाणु और परंपरागत क्षेत्रों में चुनौतियों से निपटने के लिए इस्लामाबाद की क्षमता पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। पाकिस्तान विदेश कार्यालय प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि यह घटनाक्रम दक्षिण एशिया में दागने के लिए तैयार परमाणु आयुध की प्रथम वास्तविक तैनाती है, जो न सिर्फ हिंद महासागर के तट पर स्थित देशों के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चिंता का विषय है।
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आईएनएस अरिहंत ने इस हफ्ते अपनी प्रथम प्रतिरोधी गश्त सफलतापूर्वक पूरी की है जिससे भारत उन गिने चुने देशों में शुमार हो गया जो इस तरह की पनडुब्बी की डिजाइन तैयार करने, उसका निर्माण करने और उसे परिचालित करने में सक्षम हैं। प्रवक्ता ने कहा कि शीर्ष भारतीय नेतृत्व ने जो ‘‘कटुतापूर्ण’’ भाषा का इस्तेमाल किया वह दक्षिण एशिया में स्थिरता के प्रति खतरे को प्रदर्शित करता है और भारत में परमाणु के क्षेत्र में जिम्मेदाराना कदम पर सवाल खड़े करता है।
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उन्होंने कहा कि भारत द्वारा मिसाइल परीक्षणों को बढ़ाया जाना, परमाणु हथियारों का प्रदर्शन और उनकी तैनाती मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) से भारत को मिलने वाले लाभों के आकलन की मांग करती है। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में सामरिक स्थिरता को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसी को भी दक्षिण एशिया में परमाणु एवं परंपरागत क्षेत्र में हालिया घटनाक्रमों से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने में पाकिस्तान की क्षमता को लेकर भ्रम में नहीं रहना चाहिए।
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