लाहौर: पाकिस्तान में इस्लामी कट्टरपंथियों का प्रदर्शन धीरे-धीरे पूरे देश को अपनी चपेट में ले चुका है। यहां के पंजाब प्रांत की सरकार ने बिगड़ती कानून व्यवस्था के मद्देनजर रविवार को 2 दिन के लिए राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का फैसला किया है। पूरे देश में कट्टरपंथी धार्मिक समूह बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ‘तहरीक ए खत्म ए नबूवत’, ‘तहरीक ए लबैक या रसूल अल्लाह’ और ‘सुन्नी तहरीक पाकिस्तान’ के कार्यकर्ता पाकिस्तान के कई शहरों में बीते 3 हफ्तों से हाइवे और रेलवे लाइनों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और धरने दे रहे हैं। इससे रेल और सड़क यातायात प्रभावित हो रहा है।
एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया, ‘देश में हाल में बने कानून-व्यवस्था संबंधी हालात के मद्देनजर सरकार ने सभी शैक्षणिक संस्थानों- निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सोमवार और मंगलवार को बंद रखने का फैसला लिया है।’ उच्च शिक्षा मंत्री सैयद रजा अली गिलानी ने कहा कि यह फैसला ‘बच्चों की सुरक्षा’ सुनिश्चित करने के लिए लिया गया। गिलानी ने कहा, ‘हालात खतरनाक हैं। ऐसी स्थिति में हम शैक्षणिक संस्थानों को खोलने का जोखिम नहीं ले सकते। मैं इस बात की पुष्टि भी नहीं कर सकता हूं कि 2 दिन के अवकाश के बाद भी शिक्षण संस्थान खुलेंगे या नहीं। यह हालात पर निर्भर करेगा। हालात सुधरते हैं तो इन्हें बुधवार को खोला जा सकता है।’’
विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर लाहौर रविवार को लगातार दूसरे दिन भी देश के बाकी हिस्सों से कटा रहा। यहां आवागमन भी बाधित रहा। लाहौर और अन्य स्थानों पर ये प्रदर्शन बरेलवी पंथ के कार्यकर्ता कर रहे हैं। इस्लामाबाद में उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई में 6 लोग मारे गए थे और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे। प्रदर्शनकारी कानून मंत्री जाहिद हामिद को हटाने की मांग कर रहे हैं।
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