लाहौर। पाकिस्तान की एक अदालत ने पीएमएल-एन अध्यक्ष शाहबाज शरीफ की ओर से दायर मानहानि मामले में प्रधानमंत्री इमरान खान को नोटिस जारी किया है। इस मामले में शरीफ ने पाकिस्तान तहीरक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख के खिलाफ उनके वाद पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया है जो पिछले तीन साल से लंबित है। प्रधानमंत्री खान ने अप्रैल 2017 में आरोप लगाया था कि शाहबाज ने 70 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री एवं उनके बड़े भाई नवाज शरीफ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में चल रहे पनामा पेपर मामले को वापस लेने के लिए एक दोस्त के जरिए उन्हें 6.1 करोड़ डॉलर की पेशकश की थी।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो, शरीफ इलाज के लिए फिलहाल लंदन में हैं। उन्हें पनामा पेपर मामले में 2017 में उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य करार दिया था। हालांकि, खान ने उस व्यक्ति का नाम नहीं बताया जिसने नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज की तरफ से उन्हें 6.1 करोड़ डॉलर की पेशकश की थी।
लाहौर की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने 10 जून को सुनवाई किए जाने संबंधी शाहबाज के आवेदन पर शुक्रवार को गौर किया जिसमें उन्होंने तर्क दिया है कि खान पिछले तीन साल से लिखित जवाब दायर करने में विफल रहे हैं जिससे मामले में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। शाहबाज के एक वकील ने अदालत से कहा, 'इस मामले में कुल 60 सुनवाइयों में, खान के वकील ने 33 मौकों पर स्थगन की मांग की।
पिछली सुनवाई में, अदालत को बताया गया कि खान के मुख्य कानूनी सलाहकार, बाबर अवान कोविड-19 के चलते इस्लामाबाद से लाहौर नहीं आ सकते और अदालत ने सुनवाई 22 जून के लिए टाल दी।' अपनी याचिका में, शाहबाज ने उनके खिलाफ मानहानिकारक सामग्री के प्रकाशन के लिए अदालत से मुआवजे के तौर पर 6.1 करोड़ डॉलर वसूलने का आदेश देने का अनुरोध किया। दलीलों को सुनने के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुहैल अंजुम ने प्रधानमंत्री खान को 10 जून तक लिखित जवाब दायर करने के लिए नोटिस जारी किया।
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