इस्लामाबाद: पाकिस्तान में एक अदालत ने 2017 में विश्वविद्यालय के एक छात्र को भीड़ द्वारा पीट-पीटकर जान से मार देने (लिंचिंग) के एक मामले में गुरुवार को दो और लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। छात्र पर फेसबुक पर ईशनिंदा की सामग्री पोस्ट करने का आरोप था। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, मरदान के अब्दुल वली खान विश्वविद्यालय में मास कम्युनिकेशन के छात्र मशाल खान (23) को 13 अप्रैल 2017 में लोगों की भीड़ ने पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी। छात्र ईशनिंदा की ऑनलाइन सामग्री पोस्ट करने के आरोपी था।
पेशावर में आतंकरोधी अदालत के प्रवक्ता मुहम्मद जुबैर ने कहा, "न्यायाधीश महमूदुल हसन खाटक ने असद कटलिंग और आरिफ खान को उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि अन्य दो संदिग्ध सबीर मायर और इजहार उल्ला को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।"
कटलिंग और पाकिस्तान तहरीक-ई-इनसाफ के पार्षद खान को 12 मार्च को दोषी ठहराया गया था, लेकिन न्यायाधीश ने गुरुवार तक के लिए सजा सुरक्षित रख ली थी।
मशाल खान की लिंचिंग की घटना विश्वविद्यालय परिसर में हुई थी और उनके खिलाफ ईशनिंदा के आरोपों के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं पाया गया। मशाल खान विश्वविद्यालय में लड़कियों के अधिकारों को लेकर मुखर थे।
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