लाहौर: पाकिस्तान की एक अदालत ने पुलिस हिरासत में एक कथित ATM चोर को मार डालने के आरोपी सभी आरोपियों को बरी कर दिया। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि शख्स को मारने वाले इन 3 पुलिस अधिकारियों को संयुक्त राष्ट्र से आतंकवादी घोषित हाफिज सईद की मध्यस्थता के बाद बरी किया गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जाहिद हुसैन बख्तियार ने कथित ATM चोर सलाउद्दीन अयूबी की हत्या के आरोप में महमूदुल हसन, शफात अली और मतलूब हुसैन नाम के पुलिस अधिकारियों को इस सप्ताह बरी कर दिया।
सईद की ‘इच्छा’ पर परिजनों ने दी माफी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने इन लोगों को तब बरी किया जब मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड सईद की ‘इच्छा’ पर अयूबी के परिजनों ने आरोपियों को माफ कर दिया। मानसिक रूप से कमजोर अयूबी की अगस्त में पुलिस हिरासत में कथित यातना के चलते मौत हो गई थी। पुलिस ने उसे ATM से रुपये चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अयूबी की हिरासत में हुई मौत से देश में आक्रोश पैदा हो गया था। सईद ने पुलिस और मृतक के परिजनों के बीच मध्यस्थता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कोट लखपत जेल में बंद है हाफिज सईद
मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड सईद आतंकवाद को वित्तीय मदद देने के आरोप में 17 जुलाई से यहां उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में बंद है। उसने मृतक के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें आरोपी पुलिसकर्मियों को माफ करने के लिए तैयार किया। इस संबंध में एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों, उनके अधिकारियों और मृतक के परिजनों ने जेल में सईद के साथ कई बैठकें कीं जिसने उनके बीच समझौता करा दिया।
सईद ने पीड़ित परिवार को दिए थे 3 विकल्प
सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि सईद ने पीड़ित परिवार के सामने 3 विकल्प रखे कि या तो वे खून के बदले आरोपी पुलिसकर्मियों से धन ले लें, या अल्लाह के नाम पर उन्हें माफ कर दें या फिर कानूनी लड़ाई पर आगे बढ़ें। परिवार ने पुलिसकर्मियों को माफ करने का विकल्प चुना। अयूबी के पिता से संपर्क किया तो उन्होंने पुष्टि की कि परिवार ने सईद की ‘इच्छा’ पर पुलिसकर्मियों को माफ कर दिया है। सूत्र ने कहा कि इससे पता चलता है कि सईद का पाकिस्तान में कितना प्रभाव है। (PTI)
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