इस्लामाबाद: माना जा रहा है कि जल्द ही पाकिस्तान एटमी हथियारों के क्षेत्र में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बन सकता है। समाचार एजेंसी एएनआई ने इस बाद का दावा करते हुए कहा कि पाकिस्तान का एटमी हथियारों की तैनाती के फैसले से दक्षिण ऐशियाई देशों को खतरा हो सकता है। जोसेफ वी मिकलेफ ने अपने एक लेख के जरिए सभी देशों को पाक के एटमी हथियारों के प्रति आगाह किया है। मिकलेफ का मानना है कि यदि पाकिस्तान लगातार इस क्षेत्र में आगे बढ़ता है तो इससे यह हथियार आतंकियों और जिहादियों के हाथ भी लग सकता है। जिससे देश को बेहत खतरा पहुंच सकता है। (फ्रांस के राष्ट्रपति ने दलाई लामा से मिलने से किया इंकार, सता रहा है यह डर )
मिकलेफ ने अपने लेख में लिखा कि, पाकिस्तान का तालिबान, तहरीक ए जिहाद इस्लामी, जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा जैसा आतंकी संगठनों से संबंध है। मिकलेफ ने चिंता जताते हुए कहा कि, मिसाइल बनाने के लिए चीन पाकिस्तान की मदद कर रहा है।
उन्होंने लिखा कि पाकिस्तान के पास इस समय 140 से 150 एटमी हथियार मौजूद हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, एटमी हथियारों के क्षेत्र में सबसे पहले स्थान पर रूस है। रूस के पास 6800 न्यूक्लियर बम है। इसके बाद दूसरे स्थान पर अमेरिका है। अमेरिका के पास 6600 न्यूक्लियर बम हैं।
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