इस्लामी प्रदर्शनकारियों को ‘हटाने’ की कोशिश पड़ी भारी, आग में ‘जल’ रहा है इस्लामाबाद
जानें, आखिर कौन हैं ये प्रदर्शनकारी और क्यों आग में जल रही है पाकिस्तान की राजधानी...
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में राजधानी इस्लामाबाद की ओर जाने वाले हाइवे की घेराबंदी कर हो रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया है। तहरीके-ए-लब्बैक (TLP) या रसूल अल्लाह नाम के इस्लामिक संगठन के 20 दिन से जारी धरने को खत्म कराने के लिए प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों की कार्रवाई के बाद से शहर जल रहा है। इन प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के अभियान शुरू करने के बाद हुई झड़पों में शनिवार को सुरक्षा बल सहित 200 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है।
पाकिस्तान के गृहमंत्री एहसान इकबाल के खिलाफ शुक्रवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट (IHC) ने कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया था जिसके बाद यह अभियान शुरू किया गया। यह नोटिस अदालत के सड़क खाली कराने से संबद्ध आदेश को लागू करने में नाकाम रहने के बाद जारी किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के कई शहर इस समय भारी हिंसा की चपेट में है। तहरीक-ए-खत्म-ए-नबूवत, तहरीक-ए-लबैक या रसूल अल्लाह (TLYR) और सुन्नी तहरीक पाकिस्तान (ST) के करीब 2,000 कार्यकर्ताओं ने दो सप्ताह से अधिक समय से इस्लामाबाद एक्सप्रेसवे और मुर्री रेाड की घेराबंदी कर रखी थी। यह सड़क इस्लामाबाद को इसके एकमात्र एयरपोर्ट और सेना के गढ़ रावलपिंडी को जोड़ती है।
प्रदर्शनकारी खत्म-ए-नबूवत या सितंबर में पारित चुनाव अधिनियम 2017 में बदलावों को लेकर कानून मंत्री जाहिद हमीद के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि संघर्ष में सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। उन्हें इस्लामाबाद और रावलपिंडी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अधिकारी ने बताया कि घायलों में दर्जनों सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। इसके अलावा झड़पों में एक पुलिसवाले की मौत भी हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया था जिसमें कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। इस्लामाबाद सिटी मजिस्ट्रेट ने कल प्रदर्शनकारियों को आधी रात तक वहां से हटने या नतीजा भुगतने की चेतावनी जारी की थी।
टीवी फुटेज में पुलिस प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़ती और सुरक्षाकर्मी बल प्रयोग करते दिख रहे हैं। इनमें से कई लोगों को गिरफ्तार कर विभिन्न पुलिस थानों में भेजा गया है। प्रदर्शनकारियों के पथराव के चलते कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। सुरक्षा अधिकारी के अनुसार करीब 2,000 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अभियान में 8,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों ने हिस्सा लिया था। अभियान अब भी जारी है और पुलिस को प्रदर्शनकारियों से भारी प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए बल प्रयोग के साथ-साथ आंसू गैस के गोले भी छोड़ रही है। इस्लामाबाद के अलावा कराची, लाहौर, फैसलाबाद, गुजरांवाला और सियालकोट भी हिंसा की चपेट में आ चुके हैं।