इस्लामाबाद: अमेरिका के साथ पाकिस्तान के रिश्ते बीते कुछ महीनों में बिगड़ते गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते का बुरा दौर शुरू हो गया था। 1 जनवरी 2018 को ट्रंप के चर्चित ट्वीट ने पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी में बुरी तरह बेइज्जत किया था। ट्रंप के ट्वीट के कुछ समय बाद ही अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता पर भी रोक लगा दी थी, जिसके बाद दोनों देशों में तनाव काफी बढ़ गया। अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने कहा है कि पाकिस्तान अमेरिकी मदद के बिना भी रह सकता है।
ख्वाजा आसिफ के बयान के मुताबिक, उनका देश अमेरिका के साथ अपने संबंधों में संतुलन स्थापित करने की कोशिश कर रहा है और सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस्लामाबाद, वॉशिंगटन की सहायता के बिना रह सकता है लेकिन राष्ट्रीय अखंडता से समझौता नहीं करेगा। न्यूज इंटरनेशनल की गुरुवार को रिपोर्ट के अनुसार, वित्त पर सीनेट की स्थायी समिति को संबोधित करते हुए आसिफ ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आक्षेप के बाद वॉशिंगटन के साथ संबंध सामान्य नहीं रह गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान लाखों अफगानिस्तान शरणार्थियों की और मेजबानी नहीं कर सकता। मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान लगातार अफगान शरणार्थियों के प्रत्यावर्तन और अफगानिस्तान के साथ सीमा प्रबंधन के लिए मदद मांगता रहा है। विदेश मंत्री ने बैठक में कहा कि पाकिस्तान पर लगातार आक्षेप करना 'अफगानिस्तान में अमेरिकी विफलता की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर थोपने के लिए है।' उन्होंने कहा, ‘हमें उनके खिलाफ खड़ा होने की जरूरत है जिन्होंने हमपर आतंकवाद को आश्रय देने का आरोप लगाया है।’
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