इस्लामाबाद: एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए पाकिस्तान में अधिकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ जैसे कई नेताओं सहित ऐसे कई लोगों की सुरक्षा में तैनात 13,600 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को वापस बुला लिया है जो इसके हकदार नहीं हैं। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस मियां साकिब निसार के 19 अप्रैल के आदेश का पालन करते हुए अधिकारियों ने यह कदम उठाया है। अपने आदेश में जस्टिस निसार ने सभी प्रांतों के पुलिस प्रमुखों से कहा था कि वे ऐसे प्रभावशाली लोगों को मुहैया कराई गई सुरक्षा 24 घंटे के भीतर वापस लें जो इनके हकदार नहीं हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संघीय एवं प्रांतीय सरकारों की ओर से उठाए गए इस कदम से शरीफ सहित कई नेता, आंतरिक मामलों के पूर्व मंत्री आफताब शेरपाओ, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम फजल के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान, अवामी नेशनल पार्टी (ANP) के प्रमुख असफंदयार वली खान प्रभावित होंगे। इनके अलावा, कई पुलिस अधिकारी, पत्रकार, नौकरशाह, विदेशी और जज भी इस फैसले से प्रभावित हो सकते हैं। चीफ जस्टिस ने पेशावर रजिस्ट्री के दौरे के दौरान अनधिकृत लोगों के घरों एवं दफ्तरों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती पर गौर किया था।
उन्होंने सिंध, पंजाब, बलूचिस्तान और इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुखों को भी निर्देश दिया था कि वे इस बाबत 23 अप्रैल को इस्लामाबाद में मामले की अगली सुनवाई के दिन शपथ आयुक्त द्वारा अभिप्रमाणित हलफनामा सौंपें। नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज ने कहा कि यदि उनके पिता को कोई नुकसान हुआ तो चीफ जस्टिस ही इसके लिए जिम्मेदार होंगे। मरयम ने ट्वीट किया, ‘माय लार्ड, उस (पूर्व) प्रधानमंत्री की सुरक्षा छीन लीजिए जिसने आतंकवादियों की आंखों में आंखें डालकर उन्हें निशाना बनाया था। लेकिन यदि, खुदा ना खास्ता, उन्हें कुछ हो गया तो सिर्फ आप (पाकिस्तान के चीफ जस्टिस) इसके लिए जिम्मेदार होंगे।’
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