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पाकिस्तानी सेना के जवानों ने ग्रामीणों से जबरन वसूले पैसे, विरोध करने पर बरसाईं गोलियां

पाकिस्तानी सेना के जवानों को गुरुवार को पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में नारोवाल के पास एक गांव के स्थानीय लोगों से जबरन पैसे वसूलते हुए पकड़ा गया।

Pakistan army, Pakistan army money, Pakistan army extorting money- India TV Hindi Image Source : AP FILE पाकिस्तानी सेना की कमान इस समय जनरल कमर जावेद बाजवा के हाथों में हैं।

नई दिल्ली: पाकिस्तानी सेना के जवानों को गुरुवार को पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में नारोवाल के पास एक गांव के स्थानीय लोगों से जबरन पैसे वसूलते हुए पकड़ा गया। शीर्ष खुफिया सूत्रों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सेना के जवानों ने अक्लमंदी दिखाते हुए अपनी पहचान छिपाने के लिए सैन्य वाहन के नंबर को भी बदल दिया था, ताकि ग्रामीण उनकी सही पहचान न कर सकें। इतना ही नहीं, जब स्थानीय लोगों ने जबरन वसूली का विरोध किया, तो सेना के जवानों ने निहत्थे नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियां चला दी।

‘पाकिस्तान में सेना अक्सर करती है आम नागरिकों का शोषण’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस फायरिंग में जिस ग्रामीण को गोली लगी, उसे निकटतम अस्पताल में ले जाया गया और स्थानीय लोगों को वहां पर विरोध प्रदर्शन करते हुए पाया गया। सूत्रों ने कहा, ‘पाकिस्तान में यह एक रोजाना होने वाला मामला प्रतीत होता है, जहां सेना के जवान असहाय आम नागरिकों का शोषण करने के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हैं।’ जब यह मामला पाकिस्तान सेना के शीर्ष अधिकारियों के पास पहुंचा तो सेना का एक वरिष्ठ अधिकारी कुछ घंटों बाद घटनास्थल पर पहुंचा। सेना के इस अधिकारी ने पुलिसकर्मियों को धमकाना शुरू कर दिया। सेना के अधिकारी की ओर से पुलिस को इस संबंध में मामला दर्ज न करने को लेकर दबाव डाला गया।

‘पूरे पाकिस्तान में शक्तियों का दुरुपयोग करते हैं सेना के जवान’
जब स्थानीय ग्रामीणों ने प्रेस से संपर्क करने की कोशिश की, तो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने स्थिति को नियंत्रित में करने की कोशिश की। सूत्र ने कहा, ‘देश में अराजकता और अपनी अभूतपूर्व शक्तियों के कारण पाकिस्तानी सेना में अहंकार आम आदमी को पाकिस्तान में सबसे बड़ा शिकार बना रहा है।’ यह कहना भी गलत ही होगा कि सैन्य उत्पीड़न बलूचिस्तान, सिंध और गिलगित-बाल्टिस्तान प्रांतों तक ही सीमित है, क्योंकि सेना के जवान अन्य स्थानों पर भी अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। सूत्र ने कहा, ‘वास्तव में पाकिस्तान के दिल पंजाब में भी यही झलक दिखाई देती है। केवल मीडिया ही नागरिकों की समस्याओं को ध्यान में लाने के लिए पर्याप्त स्वतंत्र है।’ (IANS)

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