इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने रक्षा एवं शहीद दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण बयान दिए। बाजवा ने तख्तापलट की आशंका से दो-चार रहने वाले देश पाकिस्तान में लोकतंत्र और संस्थानों को मजबूत करने की आवश्यकता की वकालत की और प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मंच साझा किया। रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय में उसके द्वारा आयोजित रक्षा एवं शहीद दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बाजवा ने कहा कि लोकतंत्र की निरंतरता देश के विकास और प्रगति के लिए जरूरी है।
उनका यह महवपूर्ण बयान ऐसे वक्त में आया है जब महज दो दिन पहले यात्रा पर आए अमेरिका के विदेश मंत्री ने बाजवा को पाकिस्तान में मजबूत लोकतांत्रिक संस्थानों के महत्व पर ताकीद दी थी। सेना प्रमुख ने कहा कि देश के स्थायित्व और प्रगति के लिए लोकतंत्र का बड़ा महत्व है। डॉन अखबार के अनुसार उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र सही मायने में लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन किये बगैर और संस्थानों को मजबूत किये बिना नहीं फल-फूल सकता।’
बाजवा ने 10 साल पहले पूर्व सैन्य तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ के शासन से नागरिक नेताओं के हाथों में सत्ता के निर्बाध हस्तांतरण की ओर इशारा करते हुए कहा कि, ‘हम दस साल पहले इस रास्ते पर चले। आज, हम ज्यादा एकजुट और निश्चयी हैं। यह एक संदेश है कि पाकिस्तानी ऐसे लोग हैं जो किसी संकट से डरते नहीं हैं, वे शीघ्र ही नयी ऊचाइयों पर पहुंचेंगे।’ बताया जाता है कि प्रधानमंत्री और तहरीक ए इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान को प्रभावशाली सेना का समर्थन प्राप्त है जिसने देश के 71 साल के इतिहास में करीब आधी अवधि तक उस पर शासन किया है।
द न्यूज के अनुसार सेना प्रमुख ने अपने भाषण में कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी संस्थान से ऊपर नहीं है और कोई का संस्थान राष्ट्र से ऊपर नहीं है। इस मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने नागरिक शासन और सेना के बीच विभाजन की चर्चा को केवल मिथक करार दिया। उन्होंने कहा, ‘हम सभी एक हैं और साथ मिलकर हमें इस देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाना है।’
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