इस्लामाबाद: पाकिस्तान की सेना ने रविवार को हाई कोर्ट के एक जज द्वारा देश की ताकतवर खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) पर लगाए गए आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से कार्रवाई करने का अनुरोध किया। जज ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी नवाज शरीफ की सजा के मामले में दखल दे रही है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस शौकत अजीज सिद्दीकी ने शनिवार को ISI पर न्यायपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप करने एवं अनुकूल फैसलों के लिए मुख्य जज एवं दूसरे जजों पर दबाव डालने का आरोप लगाया था।
उन्होंने आरोप लगाया था कि खुफिया एजेंसी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से जुड़े मामले सहित कई मामलों में न्यायिक कार्यवाही को प्रभावित कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया था कि ISI यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पाकिस्तान के आम चुनाव खत्म ने चीफ जस्टिस से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम नवाज 25 जुलाई को होने वाले चुनाव से पहले जेल से बाहर नहीं आएं। जस्टिस सिद्दीकी ने कहा था, ‘उनके (ISI) कर्मी अपनी मर्जी से पीठों का गठन करवाते हैं।’ सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक बयान में कहा कि एक ‘माननीय न्यायाधीश’ ने न्यायपालिका एवं प्रमुख खुफिया एजेंसी सहित सरकारी संस्थानों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
गफूर ने कहा, ‘सरकारी संस्थानों की शुचिता एवं विश्वसनीयता की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट से आरोपों की सच्चाई का पता लगाने के लिए उचित प्रक्रिया शुरू करने और तदनुसार कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।’ इससे पहले चीफ जस्टिस सादिक निसार ने भी सिद्दीकी की टिप्पणियों का गंभीरता से संज्ञान करते हुए पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पेमरा) से उनके भाषण का पूरा रिकॉर्ड मुहैया कराने का आदेश दिया। जस्टिस सिद्दीकी ने यह भी दावा किया कि ISI ने उन्हें इस्लामाबाद हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की पेशकश की थी।
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