इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को नोटिस जारी किया है। याचिका में वर्ष 2007 में एक विवादित कानून लागू करने के बाद देश को हुए भारी नुकसान की भरपाई करने की मांग की गई है। इस कानून में कई नेताओं को सभी अदालती मामलों में माफी दे दी गई थी। मुशर्रफ ने राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) पर हस्ताक्षर कर पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के साथ सत्ता साझा करने के समझौते का मार्ग प्रशस्त कर दिया था। (घृणा अपराधों के चलते ब्रिटेन में प्रमुख गुरुद्वारे और एक मस्जिद में लगाई गई आग )
इस अध्यादेश में भुट्टो तथा अन्य नेताओं को उनके खिलाफ सभी अदालती मामलों में माफी दे दी गई थी। हालांकि अदालत ने बाद में एनआरओ को गैरकानूनी घोषित कर दिया था। अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक , नोटिस संयुक्त अरब अमीरात में दो समाचार पत्रों में प्रकाशित कराया जाएगा जहां पिछले दो साल से 74 वर्षीय मुशर्रफ रह रहे हैं।
याचिकाकर्ता फिरोज शाह गिलानी ने मुशर्रफ , पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व अटॉर्नी जनरल मलिक अब्दुल कयूम को प्रतिवादी बनाते हुए अदालत से अनुरोध किया कि गैरकानूनी माध्यमों से इन लोगों द्वारा बर्बाद की गई और गलत तरह से इस्तेमाल की गई सार्वजनिक संपत्ति की भरपाई की जाए।
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