इस्लामाबाद: भारतीय सैनिकों द्वारा नियंत्रण रेखा पर कथित संघर्षविराम उल्लंघनों में एक आम नागरिक की मौत तथा तीन अन्य के घायल होने के बाद पाकिस्तान ने आज भारत के उपउच्चायुक्त जे पी सिंह को तलब किया। इस दौरान सिंह ने पाकिस्तानी गोलीबारी में एक भारतीय सैनिक की मौत को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तानी पक्ष को बताया कि भारत ने आतंकवादियों की बढ़ती गतिविधियों और नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के प्रयासों का संज्ञान लिया है। (ट्रंप के दामाद और वरिष्ठ सलाहकार ने रूस के साथ गठजोड़ से किया इंकार)
सिंह ने कहा कि पाकिस्तानी सैनिक घुसपैठ के प्रयासों को सुरक्षा प्रदान करते रहे हैं। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने दावा किया कि भारतीय बलों ने 21 जुलाई को लीपा सेक्टर में बिना उकसावे की गोलीबारी की, जिसमें घीकोट गांव में उमैर (12) की मौत हो गई जबकि तीन अन्य लोग घायल हुए। कार्यालय के अनुसार, महानिदेशक (एसए, दक्षेस) डाक्टर मोहम्मद फैसल ने सिंह को तलब किया और भारतीय बलों द्वारा बिना उकसावे के संघर्षविराम उल्लंघनों की निंदा की। फैसल ने कहा कि आम नागरिकों को जानबूझाकर निशाना बनाना निंदनीय और मानव गरिमा एवं मानवाधिकार तथा मानवीय कानूनों के विपरीत है।
उन्होंने भारत से 2003 संघर्षविराम व्यवस्था का सम्मान करने, संघर्षविराम उल्लंघन तथा अन्य की जांच करने, भारतीय बलों को संघर्षविराम का सम्मान करने का निर्देश देने और नियंत्रण रेखा पर शांति कायम रखने के लिए कहा। कार्यालय ने कहा कि भारतीय बलों द्वारा बीते चार दिन में यह तीसरा संघर्ष विराम उल्लंघन था। इसने आरोप लगाया कि बार बार संयम के लिए कहने के बावजूद भारत निरंतर संघर्षविराम उल्लंघनों में लिप्त है। इसमें दावा किया गया कि 2017 में अब तक भारतीय बलों ने नियंत्रण रेखा और कामकाजी सीमा पर 618 बार संघर्षविराम उल्लंघन किया।
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