लाहौर: 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद को नजरबंदी से रिहाई मिल जाएगी। लाहौर की अदालत (न्यायिक समीक्षा बोर्ड) ने हाफिज सईद की नजरबंदी बढ़ाने के लिए पाकिस्तान सरकार की ओर से दी गई अर्जी को खारिज कर दिया है। हाफिज सईद के खिलाफ पाकिस्तान जरूरी सबूत पेश नहीं कर सका। आपको बता दें कि आतंकी हाफिज सईद 31 जनवरी 2017 से नजरबंद था। हाफिज सईद के खिलाफ सबूत पेश नहीं कर पाने से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के पाकिस्तान का दावा एक बार फिर बेनकाब हो गया है।
नजरबंदी की मियाद को तीन महीने बढ़ाने के सरकार के आग्रह को खारिज करते हुए न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने आज हाफिज सईद की रिहाई का आदेश दिया। बोर्ड ने कहा, ‘‘अगर जमात-उद-दावा का प्रमुख हाफिज सईद किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है तो उसकी रिहाई का आदेश दिया जाता है।’’ पिछले महीने बोर्ड ने सईद की हिरासत 30 दिनों के लिए बढ़ाने की इजाजत दी थी और यह मियाद इस सप्ताह पूरी हो जाएगी। बोर्ड के आदेश के बाद सईद की रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।
इस साल 31 जनवरी को सईद और चार साथियों अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी कासिफ हुसैन को पंजाब की सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून-1997 और आतंकवाद विरोधी कानून की चौथी अनुसूची के तहत 90 दिनों के लिए नजरबंद किया था। सईद के चार साथियों को अक्तूबर के आखिरी सप्ताह में रिहा कर दिया गया था। अमेरिका ने सईद पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम घोषित कर रखा है।
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