इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की सजा पर आईसीजे में भारत की दलीलों पर आज दूसरा जवाब दाखिल किया। गौरतलब है कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और आतंकवाद के जुर्म में मौत की सजा सुनाई थी। अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने 23 जनवरी को पाकिस्तान और भारत दोनों को मामले में दूसरे दौर का जवाबी हलफनामा दायर करने की समयसीमा दी थी। विदेश विभाग के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैजल ने बताया कि भारत के लिए विदेश विभाग की महानिदेशक डॉ. फरीहा बुगती ने आज दूसरा जवाब दाखिल किया। उन्होंने कहा, ‘‘निदेशक भारत डॉ. फरीहा बुगती ने हेग में पाकिस्तान दूतावास के एक अधिकारी वसीम शहजाद के साथ डोजियर सौंपा।’’ (खुफिया एजेंसी के दावों का समर्थन ना करने पर अमेरिका में ट्रंप की आलोचना )
प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत की दलीलों पर विस्तारपूर्वक जवाब दिया। पाकिस्तान ने 400 से अधिक पृष्ठों के जवाब में भारत की आपत्तियों का भी जवाब दिया। हेग स्थित आईसीजे में 17 अप्रैल को भारत द्वारा दायर प्लीडिंग के जवाब में पाकिस्तान ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया है। आईसीजे अब मामले पर सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा। भारत ने 48 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत से मिली सजा के खिलाफ पिछले साल मई में आईसीजे का रुख किया था। आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को मामले पर फैसला आने तक जाधव को मौत की सजा देने से पाकिस्तान को रोक दिया था।
अपनी लिखित दलीलों में भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच ना देकर पाकिस्तान पर वियना संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। भारत ने दलील दी थी कि संधि यह नहीं कहती कि जासूसी के आरोपों पर गिरफ्तार किए गए किसी व्यक्ति को इस तरह की राजनयिक पहुंच नहीं दी जाएगी। इसके जवाब में पाकिस्तान ने 13 दिसंबर को आईसीजे में कहा था कि वियना संधि केवल वैध आगंतुकों पर ही लागू होती है और यह खुफिया अभियानों पर आए लोगों पर लागू नहीं होती। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को तीन मार्च 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। उसने दावा किया कि जाधव ने ईरान से पाकिस्तान में प्रवेश किया था। बहरहाल, भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया जहां नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद वह व्यापार कर रहा था। जाधव की सजा पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
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