इस्लामाबाद: पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को समन करने के लिए अखबारों में विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया। इससे पहले लंदन में उनके प्रतिनिधियों ने भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट लेने से इनकार कर दिया था। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय लंदन स्थित शरीफ के आवास में उनके प्रतिनिधियों के रवैये से नाराज था और 'डॉन' तथा 'जंग' अखबारों में इश्तिहार प्रकाशित करने का आदेश दिया।
अदालत ने निर्देश दिया कि संघीय सरकार विज्ञापन का खर्चा उठाए और अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल तारीक खोखर से कहा कि वह दो दिन के अंदर शुल्क का भुगतान करें। लंदन में इस्लामाबाद उच्चायोग में तैनात एक अधिकारी ने अदालत को बताया था कि शरीफ का एक प्रतिनिधि शुरू में तो गिरफ्तारी वारंट लेने को राजी था लेकिन बाद में वह मुकर गया। इसके बाद अदालत ने यह आदेश दिया।
शरीफ पिछले साल नवंबर से लंदन में रह रहे हैं। अदालत ने उन्हें इलाज के लिए लंदन जाने की इजाजत दी थी। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तानी सेना के कारनामों की पोल खोल रहे देश के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक नवाज शरीफ के खिलाफ लाहौर में यह मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि नवाज शरीफ ने लंदन में भड़काऊ भाषण देकर पाकिस्तान के प्रतिष्ठित संस्थानों के खिलाफ साजिश रची।
एफआईआर में कहा गया है कि नवाज शरीफ के इन भाषणों का मकसद पाकिस्तान को गुंदागर्दी करने वाला राज्य घोषित करना है। इससे एक दिन पहले ही नवाज शरीफ के दामाद कैप्टन (रिटायर) मुहम्मद सफदर के खिलाफ भी राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। उनके ऊपर देश और संस्थानों के खिलाफ लोगों को भड़काने का आरोप लगा था।
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