इस्लामाबाद: पाकिस्तान के नागरिक एवं सैन्य नेतृत्व जम्मू-कश्मीर में हुए सबसे भीषण आतंकवादी हमलों में से एक, पुलवामा हमले के बाद भारत के साथ बढ़े तनाव पर चर्चा के लिए इस हफ्ते मुलाकात कर सकते हैं। मीडिया में मंगलवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई। कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।
इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है और दोनों देशों ने अपने-अपने दूतों को वापस बुला लिया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पाकिस्तानी दूत भारत में मौजूदा हालात के बारे में असैन्य अवं सैन्य नेतृत्व को अवगत कराएंगे।
खबर में बताया गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विदेश नीति पर फैसला लेने वाले शीर्ष मंच एवं बेहद शक्तिशाली राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक इस हफ्ते हो सकती है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री इमरान खान करेंगे और इसमें सेवा प्रमुखों के साथ ही प्रमुख संघीय मंत्री शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक, उच्च स्तरीय बैठक में पुलवामा हमले के बाद उत्पन्न हुई स्थितियों की समीक्षा की जाएगी।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दोहराया कि देश पुलवामा हमले को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। साथ ही उन्होंने कहा था कि बातचीत का समय अब खत्म हो गया है। पाकिस्तान ने भारत के आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद 2002 से पाकिस्तान में प्रतिबंधित समूह बना हुआ है और देश प्रतिबंधों को लागू करने की अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।
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