लाहौर: भारत से 240 से अधिक सिख श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को वीजा मुक्त करतारपुर कोरीडोर का इस्तेमाल कर पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्रा की और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 552वीं जयंती पर आयोजित समारोह में हिस्सा लिया। श्रद्धालुओं ने इस मार्ग के फिर से खुलने के तीसरे दिन करतारपुर कोरीडोर का इस्तेमाल किया, जो कोविड-19 के फैलने के बाद करीब 20 महीने से बंद था। गुरु नानक देव की 552वीं जयंती के सिलसिले में मुख्य समारोह शुक्रवार को गुरुद्वारा जनस्थान ननकाना साहिब में हुआ जो लाहौर से करीब 80 कलोमीटर दूर है।
वाघा बॉर्डर से यहां पहुंचे 2500 से अधिक सिखों और बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालुओं ने समारोह में हिस्सा लिया। समारोह में ‘नगर कीर्तन’ जुलूस और ‘पालकी’ जुलूस भी शामिल था जो जन्मस्थान से निकाला गया और ननकाना साहिब में 8 गुरुद्वारों में उसे ले जाया गया। ननकाना साहिब में हुए समारोह के मुख्य अतिथि पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नुरुल हक कादरी थे। सभी श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था थी। करतारपुर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर एवं प्रतिनिधिमंडल ने गुरुद्वारा का दौरा किया।
करतारपुर कोरीडोर परियोजना प्रबंधन इकाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद लतीफ ने कहा, ‘पंजाब के उपमुख्यमंत्री और जागीर कौर सहित कुल 242 भारतीयों ने आज करतारपुर साहिब का दौरा किया।’ पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी कैबिनेट के मंत्रियों सहित 37 लोगों के साथ गुरुवार को गुरुद्वारा दरबार साहिब की यात्रा की थी।
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