मालदीव: ‘चीन समर्थक’ अब्दुल्ला को राष्ट्रपति चुनाव में हराने के बाद सोलिह ने दिया यह बड़ा बयान
मालदीव राष्ट्रपति चुनावों में चीन का समर्थक माने जाने वाले वर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हार का मुंह देखना पड़ा है।
माले: मालदीव राष्ट्रपति चुनावों में चीन का समर्थक माने जाने वाले वर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को हार का मुंह देखना पड़ा है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए करीब 97 प्रतिशत वोटों की गिनती पूरी होने के साथ विपक्ष के उम्मीदवार इब्राहीम मोहम्मद सोलिह ने अपनी जीत का दावा कर दिया है। अभी तक 58.3 प्रतिशत वोट पाने वाले 56 वर्षीय सोलिह ने जीत का दावा करने के बाद अपने भाषण में कहा, ‘यह प्रसन्नता, आशा और इतिहास बनाने का वाला क्षण है।’ हालांकि, सोलिह का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह गड़बड़ियों से मुक्त नहीं थी।
सोलिह को मिली जीत से सभी हैरान हैं क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान वहां मौजूद पर्यवेक्षकों का आरोप था कि निवर्तमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम ने अपनी जीत पक्की करने के लिए गड़बड़ियां की हैं। सोलिह की जीत की घोषणा होने के साथ ही सड़कें विपक्ष के समर्थकों से भर गईं। सभी अपने हाथों में सोलिह की मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के पीले झंडे लिए नाच रहे थे, एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे। हालांकि, यामीन ने अभी तक अपनी हार स्वीकार नहीं की है। सोलिह के जीत के दावे के संबंध में यामीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है। उनके प्रचार अभियान से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है।
मालदीव के मानवाधिकार आयोग के पूर्व सदस्य अहमद थोलाल का कहना है, लोगों को ऐसे परिणाम की आशा नहीं थी। तमाम दबावों के बावजूद लोगों ने अपनी बात रखी है। मालदीव में दशकों तक रही तानाशाही के दौरान लोकतंत्र के लिए लड़ने वाले सोलिह एक वक्त पर संसद में बहुमत के नेता भी रहे हैं। गौरतलब है कि यामीन सरकार द्वार MDP के सभी शीर्ष नेताओं को जेल में डाले जाने या निर्वासित किये जाने के बाद सोलिह राष्ट्रपति चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार बने थे। मालदीव के चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि आधिकारिक चुनाव परिणाम की घोषणा शनिवार तक नहीं की जाएगी। सभी दलों और उम्मीदवारों को चुनाव परिणाम को अदालत में चुनौती देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जा रहा है।
राजधानी माले में हजारों की संख्या में अपने समर्थकों से घिरे सोलिह ने आयोग द्वारा परिणाम की घोषणा होने तक शांति बनाए रखने की अपील की। इससे पहले, देर रात सोलिह ने बढ़त मिलने के बाद यामीन को फोन करके जनमत का सम्मान करने और हार स्वीकार करने को कहा था। सोलिह ने टीवी पर प्रसारित अपने भाषण में कहा था, ‘मैंने यामीन को फोन करके जनमत का सम्मान करने और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की बात कही।’ उन्होंने यामीन से सभी राजनीतिक कैदियों को तुरंत रिहा करने को कहा।