नई दिल्ली। कोरोना वायरस नाम की समस्या से उलझते हुए आज पूरा एक साल हो गया है। चीन में कोरोना वायरस की शुरुआत हुई थी और ठीक एक साल पहले यानि 17 नवंबर 2019 को चीन में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। साउथ चायना मॉर्निंग पोस्ट नाम के अखबार ने 17 नवंबर 2019 को चीन में कोरोना वायरस के पहले मामले की खबर छापी थी। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि पहला मामला 8 दिसंबर को आया था लेकिन चीन में उससे पहले ही कोरोना वायरस एक समस्या बनने लग चुका था।
चीन में 15 दिसंबर तक कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 27 तक पहुंच गई थी और 17 दिसंबर को पहली बार एक दिन में 10 से ज्यादा मामले सामने आए थे। 20 दिसंबर तक चीन में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 60 हो गई थी। 2019 के अंत तक चीन में कोरोना वायरस के कुल मामलों का आंकड़ा 266 तक पहुंच गया था।
साल 2020 में कोरोना वायरस चीन से निकलकर दुनिया के दूसरे देशों में फैलने लगा, अब हालात ये हैं कि चीन में तो मामले लगभग खत्म हो चुके हैं लेकिन पूरी दुनिया में कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा है। दुनियाभर में अबतक कोरोना वायरस के 5.53 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और अकेले अमेरिका में ही 1.15 करोड़ केस हैं। अमेरिका के बाद भारत में 88 लाख से ज्यादा, ब्राजील में 58 लाख से ज्यादा, फ्रांस में करीब 20 लाख और रूस में 19 लाख से ज्यादा मामले हैं। इसके अलावा स्पेन, ब्रिटेन, अर्जेनटीना, इटली, कोलंबिया, मैक्सिको, पेरू और जर्मनी में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं।
कोरोना वायरस से मुक्ति पाने के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीन की खोज पर काम हो रहा है, भारत में भी वैक्सीन खोजी जा रही है। रूस ने अपने यहां वैक्सीन खोजने का दावा कर दिया है और इसके अलावा अमेरिका की कुछ वैक्सीन पर भी तेजी से काम हो रहा है। भारत में भी वैक्सीन को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक कोरोना के खिलाफ कारगर वैक्सीन उपलब्ध होगी जिसके बाद कोरोना की समस्या से छुटकारा मिल सकेगा।
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