हाफिज और दाऊद अतीत की बात, हमें आगे देखना होगा: इमरान खान
उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच शांति लाने के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं।
इस्लामाबाद: करतारपुर कॉरिडोर के उद्धघाटन के मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के साथ रिश्तों पर भी खुलकर बोले। उन्होंने जहां एक तरफ आतंकी हाफिज सईद और माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम को अतीत का मद्दा बताकर पल्ला झाड़ लिया, वहीं भारत पर इशारों-इशारों में कई आरोप भी लगा गए। साथ ही उन्होंने भारत के साथ बातचीत न होने के लिए राजनीतिक परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि शायद भारत में होने वाले चुनावों के चलते बातचीत के लिए की जा रही हमारी कोशिशों का जवाब नहीं मिल रहा है।
वहीं, गुरुवार को अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने का जश्न मनाते हुए इमरान ने यह भी माना कि अन्य देशों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने देश की सीमा के इस्तेमाल की इजाजत देना पाकिस्तान के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि दोनों पड़ोसियों के बीच शांति लाने के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं। खान की यह टिप्पणी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के एक दिन पहले दिए गए बयान पर आई है जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि जब तक सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियां बंद नहीं होतीं तब तक पाकिस्तान के साथ वार्ता की संभावना नहीं है।
भारत के साथ संबंधों को सुधारने के अपने आह्वान का संदर्भ देते हुए खान ने यह भी कहा कि हालांकि शांति के प्रयास एकतरफा नहीं हो सकते है और भारत में आम चुनाव हो जाने तक पाकिस्तान उसके जवाब का इंतजार करेगा। खान ने कहा,‘देश के बाहर आतंकवाद फैलाने के लिए पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करने की इजाजत देना हमारे हित में नहीं है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत के साथ अमन चाहते हैं तथा उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और बात करने में खुशी होगी।
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी सरकार भारत के ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के खिलाफ कार्रवाई करेगी, खान ने गोल-मोल जवाब देते हुए कहा, ‘हम अतीत में नहीं जी सकते। हमें अतीत को पीछे छोड़ना होगा और आगे देखना होगा। हमारे पास भी भारत में वांछित लोगों की सूची है।’ उन्होंने मुंबई हमले के गुनाहगारों को सजा देने पर कहा, हाफिज सईद पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगा रखा है। जमात-उद-दावा प्रमुख पर पहले से ही शिकंजा कसा हुआ है।